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कर्नाटक में नहीं दिखा भारत बंद का कुछ खास असर

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा शुक्रवार को किए गए भारत बंद के आह्वान का कर्नाटक में कुछ खास असर नहीं दिखा

कर्नाटक में नहीं दिखा भारत बंद का कुछ खास असर
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बेंगलुरू। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा शुक्रवार को किए गए भारत बंद के आह्वान का कर्नाटक में कुछ खास असर नहीं दिखा। यहां बंद को समर्थन देने को लेकर राज्य के किसान संगठन एकमत होते ही नहीं दिखे। हालांकि कुछ कन्नड़ समर्थक संगठनों ने बंद में हिस्सा लिया। इसके चलते पुलिस ने बेंगलुरु के टाउन हॉल में इन संगठनों के नेताओं को हिरासत में लिया।

इस बीच चित्रदुर्ग और कोप्पल जिलों से राजमार्गों को अवरुद्ध करने की एक-दो छिटपुट घटनाएं सामने आईं लेकिन दोपहर तक भी बंद का कोई प्रभाव नजर नहीं आया। इस दौरान वाहनों की आवाजाही भी सामान्य रही।

हालांकि एसकेएम के सदस्यों ने राज्य भर में विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया था, लेकिन कर्नाटक गन्ना उत्पादक संघ (केएसजीए) ने बंद का समर्थन नहीं किया। केएसजीए के अध्यक्ष कुरुबुर शांताकुमार ने संवाददाताओं को बताया कि उनका संगठन राज्य में किसान संघों द्वारा बुलाए गए भारत बंद में भाग नहीं ले रहा है, लेकिन वह राज्य और केंद्र की नीतियों के खिलाफ हो रहे देशव्यापी विरोध प्रदर्शन को पूरा समर्थन दे रहा है।

राज्य में किसानों के विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहे शांताकुमार ने कहा कि उन्होंने शुक्रवार के बंद के लिए पर्याप्त तैयारी नहीं की है।

किसान नेताओं में से एक ने नाम न छापने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, "लोग पहले से ही संकट में हैं और उनमें एक बार फिर लॉकडाउन होने का डर भी है। ऐसे में लोग अब बंद के पक्ष में नहीं हैं। ऐसी परिस्थितियों में, हम (किसान संगठन) अपने एजेंडे के साथ आगे नहीं बढ़ सकते हैं। हमें चीजों को समझना होगा।"

उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में किसानों की राय अलग हो सकती है लेकिन यहां लोग एक दिन भी काम बंद करने को तैयार नहीं हैं। पिछले महीनों में 4 बार बंद का आह्वान किया गया है, तीन बार लोग हमारे साथ खड़े हुए लेकिन अब समय समझदारी से काम लेने का है।


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