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संतूर वादक भजन सोपोरी का देहावसान

प्रसिद्ध संतूर वादक भजन सोपोरी का हरियाणा के गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में गुरुवार को निधन हो गया।

संतूर वादक भजन सोपोरी का देहावसान
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नयी दिल्ली, प्रसिद्ध संतूर वादक भजन सोपोरी का हरियाणा के गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में गुरुवार को निधन हो गया।
‘संतूर के संत’ के नाम से विख्यात भजन सोपोरी का जन्म 1948 में जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर जिले में हुआ था। उनका पूरा नाम भजन लाल सोपोरी था। उनके पिता एस एन सोपोरी भी संतूर वादन में सिद्धहस्त थे। उन्हें संतूर वादन की प्रांरभिक शिक्षा उनके पिता से मिली थी। उनके पिता ने उन्हें गायन की भी शिक्षा दी थी। भजन लाल सोपोरी ने अंग्रेजी में स्नातकोत्तर की शिक्षा ली और अमेरिका में पश्चिमी शास्त्रीय संगीत का अध्ययन भी किया।
उन्होंने सोपोरी अकादमी फॉर म्यूजिक एंड परफार्मिंग आर्ट्स की स्थापना की जो कारावासों में सजा काट रहे लोगों के उपचार के लिए संगीत चिकित्सा का प्रयोग करती है और समाज तथा कैदियों के बीच भावनात्मक संंबंध बनाये रखने के लिए की गयी है।
भजन सोपोरी को 1993 में संगीत नाटक अकादमी 2004 में पद्मश्री और 2016 में जम्मू-कश्मीर राज्य आजीवन उपलब्धि पुरस्कार से सम्मानित किया और उन्हें कई अन्य पुरसकारों से सम्मानित किया गया था। उन्होंने संस्कृत,अरबी, फारसी और अन्य भाषाओं में 400 से अधिक गीतों को संगीत दिया। उनकी व्यक्ति विवरण के अनुसार स्वयं प्रयोग कर राग लालेश्वरी, राग पटवंती और राग निर्मलरंजनी का विकास किया।


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