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बिहार में धूमधाम के साथ मनायी जा रही भैयादूज और चित्रगुप्त पूजा

बिहार में भाई-बहन के पवित्र बंधन और प्रेम का प्रतीक भाईदूज और कलम के आराध्य देव भगवान चित्रगु्प्त की पूजा धूमधाम के साथ मनायी जा रही है।

बिहार में धूमधाम के साथ मनायी जा रही भैयादूज और चित्रगुप्त पूजा
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पटना । बिहार में भाई-बहन के पवित्र बंधन और प्रेम का प्रतीक भाईदूज और कलम के आराध्य देव भगवान चित्रगु्प्त की पूजा धूमधाम के साथ मनायी जा रही है।
भाई-बहन के अटूट प्रेम और स्नेह के प्रतीक का पर्व ‘भैयादूज’ और कलम के आराध्य देव भगवान चित्रगु्प्त की पूजा बिहार में धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनायी जा रही है। भाईदूज को ‘यम द्वितीया’ के नाम से भी जाना जाता है। यह भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व है। इस पर्व को बड़ी श्रद्धा-भक्ति और निःस्वार्थ प्रेम के रूप में मनाया जाता है।

रक्षाबन्धन के अलावा भाईदूज ऐसा दूसरा त्योहार है, जो भाई-बहन के अगाध प्रेम को समर्पित है। यह त्योहार रक्षाबंधन की तरह ही महत्व रखता है। भाईदूज के दिन विवाहिता बहनें अपने भाई को भोजन के लिए अपने घर पर आमंत्रित करती है। भाई-बहन का प्यार अटूट होता है। विवाहिता बहन अपने भाई को तिलक लगाकर, उपहार देकर उसकी लम्बी उम्र की कामना करती है।इसके बदले भाई भी उनकी रक्षा का संकल्प लेते हुए उपहार देते हैं।

भैयादूज के दिन गोधन कूटने की प्रथा भी है।गोधन कूटने के लिए सारी महिलाएं एक जगह एकत्र होती हैं और गीत भी गाती हैं।गोबर की मानव मूर्ति बना कर छाती पर ईंट रखकर स्त्रियां उसे मूसलों से तोड़ती हैं।जगह-जगह महिलायें गोधन कूटने की रस्म को पूरा करते हुए अपने भाइयों के लंबी उम्र की कामना कर रही हैं। ऐसी मान्यता है कि गोधन कूटने वाली बहनों के भाइयों की उम्र लंबी हो जाती है।बिहार में भैया दूज काफी धूमधाम से मनाया जा रही है। बहनों ने भाइयों की पूजा की और भगवान से उनकी लंबी उम्र की कामना की।


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