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भागवत सहाय कॉलेज बना राजनीति का अखाड़ा, मंत्री जी के चहेते अतिथि विद्वान से जुड़ा है मामला

जब प्रिंसिपल ने अतिथि शिक्षक को सभी अनुचित लभो से वंचित कर दिया तो मंत्री जी के संरक्षण प्राप्त अतिथि शिक्षक ने प्रायोजित तरीके से आज यह हंगामा करा दिया।

भागवत सहाय कॉलेज बना राजनीति का अखाड़ा, मंत्री जी के चहेते अतिथि विद्वान से जुड़ा है मामला
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ग्वालियर: गुरुवार को सुबह सुबह काफी बड़ी संख्या में छात्र भागवत सहाय कॉलेज परिसर में पहुंच गए। वहा इन छात्रों ने दो घंटे तक जमकर नारेबाजी की। यह छात्र कॉलेज प्रिंसिपल के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए उन्हें हटाने की मांग कर रहे थे। इस कॉलेज के जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष रामवतार बैंस ने धरने की जानकारी वॉट्सएप पर फोटो वी वीडियो के माध्यम से साझा की
इस मामले मै जब देशबन्धु ने कॉलेज प्रिंसिपल से बात की तो उन्होंने बताया कि हंगामा करने वाले 150 से ज्यादा लड़के इकट्ठा हुए , जब सम्बन्धित थाना पुलिस ने अभी के आई कार्ड चेक किए तो केवल तीन छात्र कॉलेज के थे बाकी सभी बाहरी लड़के थे। देशबन्धु को सूत्रों से पता चला कि एक अतिथि विद्वान ऊर्जा मंत्री जी का करीबी है। अब तक इस कॉलेज में अपने प्रभाव से सभी काम कराते रहे।
जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष रामवतार बैंस से भी इन अतिथि विद्वान की नजदीकी है। जब प्रिंसिपल ने इन शिक्षक को सभी अनुचित लभो से वंचित कर दिया तो मंत्री जी के संरक्षण प्राप्त अतिथि शिक्षक ने प्रायोजित तरीके से आज यह हंगामा करा दिया।
प्रिंसिपल गिरीश शर्मा ने कहा, " सरकार ने जिस काम के लिए रखा है वह काम नहीं करोगे तो मै वेतन काटूंगा। न मै बैठने का वेतन लेता न किसी को लेने दूंगा। मैने पुलिस को कहा कि कॉलेज छात्र से हमें कोई परेशानी नहीं है। लेकिन बाहर के छात्रों को बाहर कर दें। मेरा कर्तव्य है कि सरकार जिस काम की सेलरी से रही है वह काम करूंगा। मैने कुछ गलत किया है तो मुझे तुरन्त हटा दें। संस्था व छात्रों का भला सर्वोपरि है। बातचीत में प्रिंसिपल ने मंत्री जी का दवाब होने का पूछे जाने पर कोई भी साफ जवाब नहीं दिया। लेकिन जिस तरह से उन्होंने कहा कि अब आप समझ लीजिए, उससे इस मामले में हो रही राजनीति को समझा जा सकता है।


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