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टैक्स रिफंड के नाम पर बैंक अकाउंट पर ऑनलाइन डाका डालने वालों से सावधान

लोगों के बैंक अकाउंट पर ऑनलाइन डाका डालने वाले जालसाज आजकल टैक्स रिफंड के फर्जी मैसेज का सहारा ले रहे हैं

टैक्स रिफंड के नाम पर बैंक अकाउंट पर ऑनलाइन डाका डालने वालों से सावधान
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नई दिल्ली। लोगों के बैंक अकाउंट पर ऑनलाइन डाका डालने वाले जालसाज आजकल टैक्स रिफंड के फर्जी मैसेज का सहारा ले रहे हैं। वे बड़े पैमाने पर लोगों को रिफंड के बारे में एसएमएस भेजते हैं। कई लोग उनके चक्कर में फंसकर अपनी महत्वपूर्ण सूचनाएं जालसाजों को दे डालते हैं। इसके बाद कुछ ही क्षणों में उनके बैंक अकाउंट से सारे पैसे उड़ जाते हैं। ऐसे फर्जी संदेशों से सावधान होने की जरूरत है।

फाइनेंशियल मुद्दों पर मार्गदर्शन करने वाली कंपनी टैक्स4वेल्थ के फाइनेंशियल कोच हिमांशु कुमार ने अपनी कंपनी के वेबसाइट पर जारी किए गए एक वीडियो में कहा कि इन मोबाइल संदेशों से सावधान होने की जरूरत है। इनकम टैक्स विभाग कभी करदाता को रिफंड का मैसेज नहीं भेजता। वह कभी एसएमएस भेजकर नहीं बताता कि करदाता को कितना रिफंड मिलने वाला है। इसके साथ ही वह कभी एसएमएस से कोई दस्तावेज नहीं मांगता। टैक्स विभाग कभी बैंक के विवरण भी नहीं मांगता। विभाग अधिक से अधिक एक मेल भेजकर यह बता देता है कि आपका टैक्स रिफंड प्रोसेस हो गया है और रिफंड आपके अकाउंट में डाल दिया गया है। उस मेल में भी विभाग रिफंड की राशि नहीं बताता है।

जब हम रिटर्न फाइल करते हैं, तब हम अपने बैंक अकाउंट सहित अन्य सारे विवरण फॉर्म में भरते हैं। अगर सरकार को रिफंड करना होगा, तो सीधे आपके अकाउंट में रिफंड कर देगी। उसे आपको एसएमएस भेजने और अकाउंट के विवरण लेने की जरूरत नहीं। अब तो टैक्स फाइल करते समय बैंक अकाउंट देना जरूरी भी हो गया है।

99 फीसदी मामलों में करदाता को यह पहले से ही पता होता है कि उसे लगभग कितने का रिफंड मिलना है। इसके अलावा इनकम टैक्स में कुछ भी अपडेट करने के लिए करदाता को अपने अकाउंट में लॉगइन करने की जरूरत होती है। आप उसमें सीधे कुछ भी अपडेट नहीं कर सकते। तो कोई बंदा बिना आपका पैन नंबर लिए, बिना आपका इनकम टैक्स अकाउंट लॉगइन किए भला आपको रिफंड कैसे कर सकता है। करदाता को यह भी देखना चाहिए कि जितना रिफंड मिलने की बात एसएमएस में कही जा रही है, क्या उसे सचमुच उतना रिफंड मिलने वाला है।

कुमार ने वीडियो में कहा कि जालसाज आम लोगों की कमजोर नब्ज को समझते हैं। उन्होंने जालसाजों द्वारा एक करदाता के मोबाइल पर भेजे गए कुछ एसएमएस का उदाहरण दिया। एक एसएमएस में करदाता के नाम लिखकर उन्हें संबोधित किया गया था और कहा गया था कि पिछले कई साल में आपका 60,000 रुपए का रिफंड जमा हो गया है। इस रिफंड राशि को हासिल करने के लिए औचारिक आवेदन करने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें। कुमार ने सावधान करते हुए कहा कि ऐसे लिंक पर कभी क्लिक नहीं करना चाहिए। यह इनकम टैक्स का वेबसाइट नहीं होता है। यह करदाता को किसी दूसरे साइट पर ले जाता है। वहां वह आपसे बैंक अकाउंट सहित कई विवरण मांगता है। यदि आप यह विवरण देते हैं, तो उसके बाद जालसाज तुरंत आपके बैंक अकाउंट से सारे पैसे उड़ा लेते हैं।

कुमार ने कहा कि आपको फर्जी संदेश मिलते हैं, तो पहले आप अपने इनकम टैक्स अकाउंट में लॉग इन कर खुद पता करें। आप गूगल के सहारे भी अपना रिफंड पता कर सकते हैं। आप गूगल पर जाकर लिखें : इनकम टैक्स रिफंड स्टेटस। एनएसडीएल का एक पेज आएगा। आप उसपर अपना पैन नंबर डालें। आपको रिफंड का स्टेटस पता चल जाएगा।


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