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बंगाल में किसान मोर्चा से ऐलान से डरी बीजेपी

संयुक्त किसान मोर्चा ने बंगाल में बीजेपी का खेल बिगाड़ने के लिए बिगुल फूंक दिया है

बंगाल में किसान मोर्चा से ऐलान से डरी बीजेपी
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संयुक्त किसान मोर्चा ने बंगाल में बीजेपी का खेल बिगाड़ने के लिए बिगुल फूंक दिया है, बंगाल विधानसभा चुनाव में लिए किसान संगठनों के ऐलान ने बीजेपी को बेचैन कर दिया है. आज बंगाल के नंदीग्राम में किसानों की महापंचायत होने वाली है. जिसमें हिस्सा लेने के लिए राकेश टिकैत समेत कई नेता नंदीग्राम पहुंच चुके हैं. इसके अलावा संयुक्त किसान मोर्चा बंगाल में कई और महापंचायतें करने वाले हैं. जिसे लेकर उन्होंने अपनी तैयारी पूरी कर ली है. तो क्या है पूरी खबर और क्यों बिगड़ने वाला है बंगाल में बीजेपी का खेल .पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में बीजेपी की परेशानी बढ़ने वाली है, कृषि कानूनों को लेकर विरोधप्रदर्शन कर रहे किसानों का संगठन बंगाल पहुंच चुका है. संयुक्त किसान मोर्चा के 294 सदस्यीय दल आज से बंगाल में मोदी सरकार के कृषि कानूनों को लेकर महापंचायत का बिगुल फूंकने वाला है. इसकी शुरुआत आज से नंदीग्राम विधानसभा सीट से होने जा रही है. आपको बता दें कि नंदीग्राम पूर्व मेदिनीपुर जिले में आता है. पूर्व मेदिनीपुर जिले के आसपास नादिया, पश्चिमी मेदिनीपुर, बांकुड़ा, हुगली जिलों में सबसे ज्यादा आबादी किसानों की है. इन जिलों में किसानों की आबादी लगभग 80 फीसदी से ज्यादा है. तो आज नंदीग्राम में होने वाली किसान महापंचायत का असर इन जिलों में भी पड़ेगा. इसका सबसे ज्यादा नुकसान बीजेपी को हो सकता है. बीजेपी बंगाल में शहरों के मुकाबले ग्रामीण इलाकों में ज्यादा मजबूत नजर आ रही है. ऐसे में नंदीग्राम में संयुक्त किसान मोर्चा की होने वाली महापंचायत बीजेपी के मंसूबों पर पानी फेर सकती है, नंदीग्राम में होने वाली महापंचायत को लेकर बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने पहले ही ट्वीट कर घोषणा कर दी है. जिसे लेकर अब बंगाल में बीजेपी की परेशानी बढ़ गई है. बीजेपी को इन जिलों में अब हार का डर सताने लगा है. बीजेपी के कद्दावर नेता इन जिलों में ज्यादा रैलियां कर रहे हैं ताकि मतदाताओं का साधा जा सके. बता दें कि बंगाल चुनाव में सियासत का केंद्र बन चुके नंदीग्राम से जहां एक तरफ बंगाल की सीएम ममता बनर्जी चुनावी मैदान में हैं तो दूसरी तरफ कभी उनके सबसे करीबी नेता माने जाने वाले शुभेंदु अधिकारी हैं. जो ममता बनर्जी के खिलाफ चुनावी ताल ठोक रहे हैं.


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