बंगाल सूचना प्रौद्योगिकी में धीमी हिस्सेदारी रही है: कोविंद
रामनाथ कोविद ने बुधवार को डिजिटल स्फोट के कारण पैदा हुए अवसरों का लाभ उठाने और अपने प्रसिद्ध वैज्ञानिक उद्यमियों की अतीत की सफलता को दोहराने का आग्रह किया।

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के आईटी में धीमी शुरुआत को देखते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने बुधवार को डिजिटल स्फोट के कारण पैदा हुए अवसरों का लाभ उठाने और अपने प्रसिद्ध वैज्ञानिक उद्यमियों की अतीत की सफलता को दोहराने का आग्रह किया।
बोस इंस्टीट्यूट के समापन समारोह में कोविंद ने कहा, "बंगाल सूचना प्रौद्योगिकी व आईटी सक्षम सेवाओं में धीमी हिस्सेदारी रही है। अब इसके पास एक अन्य अवसर आया है।"
उन्होंने कहा, "हम डिजिटल प्रौद्योगिकी के स्फोट के मध्य हैं। विनिर्माण व जैवसूचना विज्ञान हमारी कार्यशैली को बदल रहे हैं, रोबोटिक्स हमारी जीवनशैली को बदल रहा है। ये सभी बंगाल को अवसर देते हैं।"
देश के शुरुआती वैज्ञानिक उद्यमियों, बंगाल के पथ प्रदर्शक वैज्ञानिकों व प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उनके द्वारा हासिल उपलब्धि के जादू को फिर से निर्मित करने की जरूरत है।
इस संदर्भ में कोविंद ने आचार्य पी.सी.रे का उल्लेख किया। पी.सी. रे ने पहली भारतीय स्वामित्व वाली फार्मास्यूटिकल कंपनी बंगाल केमिकल्स व फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड की स्थापना की थी।
बोस इंस्टीट्यूट की सराहना करते हुए कोविंद ने कहा कि इसने 100 सालों में राष्ट्र निर्माण की भावना को प्रेरित किया है।राष्ट्रपति ने संस्थान के संस्थापक आचार्य जगदीश चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित की।


