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बंगाल के राज्यपाल ने पंचायत चुनाव हिंसा की आलोचना के लिए टैगोर की बात का जिक्र किया

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने बंगाली कैलेंडर के अनुसार गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की पुण्यतिथि के अवसर पर मंगलवार को राज्य में हाल ही में संपन्न पंचायत चुनावों में हिंसा की घटनाओं की आलोचना करते हुए महान कवि, लेखक और शिक्षाविद् टैगोर की बात उद्धृत की

बंगाल के राज्यपाल ने पंचायत चुनाव हिंसा की आलोचना के लिए टैगोर की बात का जिक्र किया
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने बंगाली कैलेंडर के अनुसार गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की पुण्यतिथि के अवसर पर मंगलवार को राज्य में हाल ही में संपन्न पंचायत चुनावों में हिंसा की घटनाओं की आलोचना करते हुए महान कवि, लेखक और शिक्षाविद् टैगोर की बात उद्धृत की। हिंसा में 50 से अधिक लोगों की जान गई थी।

राज्यपाल ने मंगलवार को राजभवन परिसर में गुरुदेव की पुण्यतिथि पर आयोजित एक समारोह में कहा, "गुरुदेव ने एक ऐसी स्थिति के बारे में बात की थी, 'जहां मन भय रहित हो और सिर ऊंचा रहे। बंगाल को हिंसा और भ्रष्टाचार मुक्त बनाया जाना चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल के मौजूदा हालात गुरुदेव के सपनों के बिल्कुल विपरीत है।

उन्होंने कहा, "गुरुदेव के नाम पर हमें "हिंसा मुक्त" और "भ्रष्टाचार मुक्त" बंगाल के लिए एकजुट होना होगा।"

राज्यपाल की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा कि राज्यपाल को पहले बंगाली सीखनी चाहिए और फिर गुरुदेव के उद्धरणों के संदर्भ को समझना चाहिए।

राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने कहा कि अगर राज्यपाल को गुरुदेव की धर्मनिरपेक्ष विचारधारा का एहसास होता तो वह भाजपा के प्रवक्ता की तरह काम नहीं करते।

हाल की अवधि में पश्चिम बंगाल में विश्‍वविद्यालय स्तर की शिक्षा में भ्रष्टाचार के मुद्दों के समाधान के लिए राजभवन परिसर में एक भ्रष्टाचार विरोधी सेल खोलने के राज्यपाल के फैसले पर गवर्नर हाउस और राज्य सचिवालय के बीच झगड़ा अपने चरम पर पहुंच गया।

इससे पहले पंचायत चुनावों के दौरान चुनावों में हिंसा के मुद्दों को संबोधित करने के लिए गवर्नर हाउस परिसर में एक शांति कक्ष खोला गया था।

राज्य सरकार और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने इस तरह के कदमों को राज्यपाल की ओर से राजभवन से राज्य में समानांतर प्रशासन चलाने का प्रयास बताया है।


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