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चक्रवात 'जवाद' कमजोर पड़ने पर भी बंगाल सरकार अलर्ट पर

पश्चिम बंगाल सरकार कोई जोखिम नहीं ले रही है, क्योंकि चक्रवाती तूफान 'जवाद' धीरे-धीरे अपनी ताकत खो रहा है

चक्रवात जवाद कमजोर पड़ने पर भी बंगाल सरकार अलर्ट पर
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार कोई जोखिम नहीं ले रही है, क्योंकि चक्रवाती तूफान 'जवाद' धीरे-धीरे अपनी ताकत खो रहा है। सुंदरबन को छूते हुए इसके बांग्लादेश में प्रवेश करने की संभावना है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह बात कही। मौसम विभाग के मुताबिक, शनिवार की दोपहर में जवाद विशाखापत्तनम से करीब 200 किमी दूर था। विभाग ने कहा, "यह अगले छह घंटों के दौरान धीरे-धीरे कमजोर हो जाएगा और रविवार दोपहर के आसपास एक गहरे दबाव के रूप में पुरी के पास पहुंच जाएगा। इसके सुंदरबन को छूते हुए बांग्लादेश में प्रवेश करने की संभावना है।"

मौसम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हम चक्रवात की गति पर लगातार नजर रख रहे हैं और ऐसा लगता है कि अबकी बार कोई भूस्खलन नहीं होगा।"

चूंकि दक्षिण और उत्तर 24 परगना, पूर्व और पश्चिम मिदनापुर, हुगली और हावड़ा सहित दक्षिण बंगाल के कई जिलों में दबाव के कारण भारी से बहुत भारी बारिश होगी। राज्य सरकार ने जिला प्रशासन से तटीय क्षेत्रों से लोगों को निकालने और चक्रवात केंद्रों पर ले जाने के लिए कहा है।

राज्य सरकार ने जिलों को पर्याप्त सूखा भोजन, तिरपाल, दवाएं और अन्य राहत सामग्री का पर्याप्त स्टॉक रखने के लिए भी कहा है, ताकि लोगों को आवश्यक चीजें मिलती रहें और ज्यादा नुकसान न हो।

जिला प्रशासन ने लोगों को समुद्र में जाने से रोकने के अलावा निचले इलाकों से लोगों को निकालना शुरू किया।

राज्य सरकार के अनुमान के अनुसार, पिछले दो दिनों में चार तटीय जिलों से 1 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित चक्रवात केंद्रों और सुरक्षित घरों में पहुंचाया गया है।

जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "लोगों को परेशानी न हो, इसके लिए हमने सभी इंतजाम किए हैं।"

राज्य सरकार ने सिंचाई और जलमार्ग, आपदा प्रबंधन, पुलिस और कृषि जैसे कई विभागों के सभी लोगों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं।

आपदा प्रबंधन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "उन्हें अपने कार्यालय में मौजूद रहने के लिए कहा गया है, ताकि प्रशासन राहत और बचाव कार्य में उनका प्रभावी ढंग से उपयोग कर सके। राज्य सचिवालय 'नबान्न' में 24 घंटे सातों दिन खुला रहने वाला एक नियंत्रण कक्ष खोला गया है, जहां से स्थिति पर लगातार नजर रखी जाएगी।"

जिलों के अलावा, कोलकाता पुलिस और कोलकाता नगर निगम ने घटनाओं से निपटने के लिए कमर कस ली है।

कोलकाता नदी यातायात पुलिस ने नदी पर कड़ी नजर रखनी शुरू कर दी है और फेरी सेवाएं फिलहाल निलंबित हैं।

कोलकाता पुलिस ने आठ स्पीड बोट तैयार रखी हैं, ताकि किसी भी तरह की स्थिति में इसे कार्रवाई में लगाया जा सके।

लालबाजार स्थित कोलकाता पुलिस मुख्यालय में एक नियंत्रण कक्ष खोला गया है, जहां सहायक आयुक्त रैंक का एक अधिकारी ड्यूटी पर तैनात है।


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