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बंगाल : धनखड़ ने हावड़ा नगर विधेयक पर चर्चा के लिए महाधिवक्ता को बुलाया

पश्चिम बंगाल सरकार से स्पष्टीकरण मांगने के बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने महाधिवक्ता सौमेंद्र नाथ मुखर्जी को हावड़ा नगर विधेयक 2021 से संबंधित कुछ मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बुलाया है

बंगाल : धनखड़ ने हावड़ा नगर विधेयक पर चर्चा के लिए महाधिवक्ता को बुलाया
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार से स्पष्टीकरण मांगने के बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने महाधिवक्ता सौमेंद्र नाथ मुखर्जी को हावड़ा नगर विधेयक 2021 से संबंधित कुछ मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बुलाया है। राज्यपाल के कार्यालय ने लिखा, "पश्चिम बंगाल के राज्यपाल श्री जगदीप धनखड़ ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष स्थिति और कार्यवाही का जायजा लेने के बाद संविधान के अनुच्छेद 165 (2) के तहत महाधिवक्ता से राय मांगी है।"

"ममता सरकार को निर्देश दिया गया है कि वह एडवोकेट जनरल को संपूर्ण दस्तावेज उपलब्ध कराए, ताकि ये दस्तावेज जल्द से जल्द अधोहस्ताक्षरी को सौंपना सुविधाजनक हो, जो इस समय राजभवन, दार्जिलिंग में हैं।"

राज्यपाल ने राज्य सरकार को लिखे एक पत्र में कहा, "दिनांक 24.11.2021 के नोट के माध्यम से मांगी गई जानकारी का जवाब राज्य सरकार द्वारा 20.12.2021 को लगभग एक महीने की काफी देरी के बाद उपलब्ध कराया गया था। इसके बाद दिनांक 24.12.2021 के नोट के माध्यम से उपलब्ध कराया गया था। यह पाए जाने पर कि सरकार की प्रतिक्रिया कई मामलों में वांछित थी, यह संकेत दिया गया कि दिनांक 24.11.2021 के नोट के माध्यम से मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराई जाए। फाइल 28.12.2021 को राजभवन, कोलकाता को प्राप्त हुई है और राजभवन, दार्जिलिंग को 30 दिसंबर, 2021 को उपलब्ध कराई गई।"

उन्होंने कहा, "दिनांक 24.11.2021 के नोट में यह संकेत दिया गया था कि संबंधित अधिकारियों को संवेदनशील बनाया जाए और मांगी गई सभी आवश्यक जानकारी जल्द से जल्द इस कार्यालय को उपलब्ध कराई जाए। 20.12.2021 को उपलब्ध कराए गए इनपुट के आधार पर स्पष्ट है कि इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।"

राज्यपाल ने कहा, "जैसा कि संभव है, स्थिति का विवरण और कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष कार्यवाही को ध्यान में रखते हुए रिट याचिका एमएटी 1354 ऑफ 2021 में मुझे अनुच्छेद 163 (2) के तहत विद्वान महाधिवक्ता के साथ विमर्श करना समीचीन लगता है। भारतीय संविधान के विद्वान महाधिवक्ता को संपूर्ण दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा जल्द कदम उठाए जाएं और उसे अधोहस्ताक्षरी को सौंपने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए, जो इस समय राजभवन, दार्जिलिंग में हैं।"


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