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बंगाल ने चुनावी हिंसा की जांच कर रही एसआईटी की सहायता के लिए 10 आईपीएस अधिकारी किए तैनात

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एक दिन पहले ही कहा था कि चुनाव के बाद हुए अपराधों की जांच के लिए अदालत द्वारा गठित तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) निदेशरें के अनुसार काम नहीं कर रहा है

बंगाल ने चुनावी हिंसा की जांच कर रही एसआईटी की सहायता के लिए 10 आईपीएस अधिकारी किए तैनात
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कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एक दिन पहले ही कहा था कि चुनाव के बाद हुए अपराधों की जांच के लिए अदालत द्वारा गठित तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) निदेशरें के अनुसार काम नहीं कर रहा है और इस बीच अब राज्य सरकार ने जांच में एसआईटी की सहायता के लिए 10 आईपीएस अधिकारियों को तैनात किया गया है। चार टीमों का गठन करने वाली सीबीआई पहले से ही दुष्कर्म और हत्या जैसे गंभीर अपराधों की जांच कर रही है।

10 अधिकारियों में एडीजी दक्षिण बंगाल सिद्ध नाथ गुप्ता, एडीजी पश्चिमी रेंज संजय सिंह, आईजीपी बर्धमान रेंज बी. एल. मीणा, आईजीपी उत्तर बंगाल डी. पी. सिंह, डीआईजी, रेलवे सोमा दास मित्रा, डीआईजी मालदा रेंज प्रवीण कुमार त्रिपाठी, डीआईजी बारासात रेंज प्रसून बंदोपाध्याय और डीसी रिजर्व फोर्स, शुभंकर भट्टाचार्य शामिल हैं।

कोलकाता पुलिस के दो अधिकारियों - अतिरिक्त सीपी तन्मय भट्टाचार्य और संयुक्त सीपी नीलांजन विश्वास को कोलकाता पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आने वाली घटनाओं को देखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

उच्च न्यायालय की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने 19 अगस्त को हत्या और यौन उत्पीड़न के अलावा अन्य आरोपों की जांच के लिए आईपीएस अधिकारी सौमेन मित्रा, सुमन बाला साहू और रणबीर कुमार की एसआईटी के गठन का आदेश दिया था। उच्च न्यायालय ने कहा था कि एसआईटी के कामकाज का माननीय सर्वोच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त माननीय न्यायाधीश द्वारा अवलोकन किया जाएगा, जिसके लिए उनकी सहमति लेने के बाद अलग आदेश पारित किया जाएगा।

कोर्ट ने पाया कि उसे पता है कि एसआईटी काम नहीं कर रही थी और कहा कि अगर जरूरी हुआ तो कदम उठाए जाएंगे। कोर्ट ने आदेश में सीबीआई और एसआईटी दोनों को छह सप्ताह के भीतर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।

एसआईटी ने राज्य को पांच जोन- हेडक्वार्टर, नॉर्थ जोन, साउथ जोन, वेस्ट जोन और कोलकाता पुलिस में बांटा है। प्रत्येक जोन के लिए दो आईपीएस अधिकारी समर्पित रूप से कार्य करेंगे। राज्य के गृह विभाग के सूत्रों ने कहा कि प्रत्येक आईपीएस अधिकारी अपनी टीम बनाएगा और विशिष्ट शिकायतों को देखेगा और एक निश्चित समय सीमा के भीतर एसआईटी को रिपोर्ट करेगा।

साहू द्वारा कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बारे में सरकार को लिखे जाने के बावजूद एसआईटी टीम बनाने में लगभग एक पखवाड़े की देरी हुई। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला करने के समय ही राज्य सरकार ने अब टीम का गठन किया है।

चुनाव के बाद की हिंसा की गंभीर प्रकृति की जांच पर छह सप्ताह में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने वाली सीबीआई ने अब तक 38 मामले दर्ज किए हैं। सीबीआई के चार संयुक्त निदेशकों ने नंदीग्राम, कूचबिहार, नदिया और उत्तर 24 परगना के कुछ हिस्सों का दौरा किया है।


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