बंगाल सीआईडी ने कालियागंज पुलिस फायरिंग में युवक की मौत की जांच अपने हाथ में ली
पश्चिम बंगाल पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने उत्तर दिनाजपुर जिले के कालीगंज में राजबंशी युवक और भाजपा कार्यकर्ता मृत्युंजय बर्मन (33) की 27 अप्रैल की तड़के पुलिस फायरिंग में कथित तौर पर हत्या की जांच जिला पुलिस से अपने हाथ में ले ली है

कोलकाता। पश्चिम बंगाल पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने उत्तर दिनाजपुर जिले के कालीगंज में राजबंशी युवक और भाजपा कार्यकर्ता मृत्युंजय बर्मन (33) की 27 अप्रैल की तड़के पुलिस फायरिंग में कथित तौर पर हत्या की जांच जिला पुलिस से अपने हाथ में ले ली है। सीआईडी ने उस समय जांच अपने हाथ में ली, जब इस मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय में दो याचिकाएं पहले ही दायर की जा चुकी थीं। जहां एक याचिका में मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई थी, वहीं दूसरी याचिका में पुलिस की भूमिका की उचित जांच की मांग की गई थी।
पीड़ित परिवार का आरोप है कि स्थानीय कालियागंज थाने के सहायक उपनिरीक्षक मोयज्जेम हुसैन की गोली से युवक की मौत हुई है।
परिजनों ने दावा किया कि वे सीआईडी की जांच से संतुष्ट नहीं हैं। उनका तर्क है कि चूंकि सीआईडी भी राज्य पुलिस का एक हिस्सा है, इसलिए यह संभव नहीं है कि वह अपने दोषी सहयोगियों के खिलाफ बिना पक्षपात के मामले की जांच करे और इसलिए वे मामले की सीबीआई जांच की मांग पर अड़े हैं।
बर्मन की हत्या को लेकर भाजपा पूरे उत्तर बंगाल में पहले ही 12 घंटे की हड़ताल कर चुकी है। विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया है कि पुलिस कार्रवाई मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा प्रेरित की गई थी, जिन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कालीगंज के लोगों के खिलाफ युद्ध की घोषणा की थी और कुछ ही घंटों में पुलिस ने उनके साथ अनुपालन किया।


