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राष्ट्रपति से बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा- कृपया गरीबों के लिए लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करें

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से देश के लोगों, खासकर आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि के लोगों के लिए लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करने की पहल करने की अपील की

राष्ट्रपति से बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा- कृपया गरीबों के लिए लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करें
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से देश के लोगों, खासकर आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि के लोगों के लिए लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करने की पहल करने की अपील की। उन्होंने नेताजी इंडोर स्टेडियम में राष्ट्रपति के अभिनंदन के लिए आयोजित नागरिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा- देश के राष्ट्रपति जी से मेरा विनम्र निवेदन है कि देश में गरीबों और सभी के लिए लोकतांत्रिक अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। कृपया हमारे देश को किसी भी आपदा से बचाएं। हमारी जड़ें अनेकता में एकता में निहित हैं।

पिछले साल राष्ट्रपति चुने जाने के बाद मुर्मू की पश्चिम बंगाल की यह पहली यात्रा है। राज्य की दो दिवसीय यात्रा पर, वह मंगलवार को बीरभूम जिले में विश्व भारती विश्वविद्यालय के वार्षिक दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी, और मंगलवार रात को ही नई दिल्ली वापस जाने वाली हैं।

इस अवसर पर, बनर्जी ने राष्ट्रपति को गोल्डन लेडी के रूप में संबोधित किया। अपने भाषण में, उन्होंने संस्कृति और सामाजिक सुधार के क्षेत्र में पश्चिम बंगाल की समृद्ध विरासत का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, देश में स्वतंत्रता आंदोलन और सामाजिक सुधार की प्रक्रिया बंगाल से ही शुरू हुई थी।

राष्ट्रपति ने अपने भाषण में मुख्यमंत्री की जमकर तारीफ भी की। मुर्मू ने कहा, सबको अपना और अपनों का करीबी समझने का दुर्लभ गुण मुख्यमंत्री में है। मैं उसके लिए उन्हें धन्यवाद देती हूं। मैं अभिभूत हूं। उन्होंने कहा, मुझे बंगाली भाषा बहुत प्यारी लगती है। जब मैं इस भाषा को सुनती हूं तो मुझे लगता है कि मैं अपने गांव के पास हूं। इस भाषा की सुगंध और मिठास ऐसी है।

हालांकि बीजेपी ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला किया है। उनके अनुसार, पिछले साल जब मुर्मू ने राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ा था, तब तृणमूल ने ही उनके खिलाफ उम्मीदवार खड़ा किया था और इसलिए अब उन्हें सम्मानित करना दिखावे के अलावा और कुछ नहीं।


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