कालेधन को सफेद करने वाले बैंक मैनेजर व चपरासी पर प्रकरण दर्ज
बेमेतरा ! प्रधानमंत्री मुद्रा लोन माफ करने के नाम पर पुराने नोटो को नए नोट मे बदलने के मामले मे छत्तीसगढ राज्य ग्रामीण बैक के देवकर शाख के मैनेजर व भृत्य के विरूद्व पुलिस ने धोखाधडी व मनी लाड्रिंग

बेमेतरा ! प्रधानमंत्री मुद्रा लोन माफ करने के नाम पर पुराने नोटो को नए नोट मे बदलने के मामले मे छत्तीसगढ राज्य ग्रामीण बैक के देवकर शाख के मैनेजर व भृत्य के विरूद्व पुलिस ने धोखाधडी व मनी लाड्रिंग का मामला दर्ज किया है। काले धन को सफेद करने मे ब्रांच मैनेजर की संलिप्ता पर पुलिस मे प्रकरण दर्ज होने का प्रदेश मे यह पहला मामला है। थाना साजा मे दोनो आरोपियो के विरूद्व धारा 420 ्र 409 ्र 34 भादिव ्र 13 (1) डी भ्रष्टचार निवारण अधिनियम मनी लाड्रिंग एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज हिरासत मे लिया गया है।
मामले की जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक टी एक्का बताया कि आरोपी ब्रांच मैनेजर अशोक सम्मदार व भृत्य राधेश्याम पर पुछताछ की जा रह है। आरोपी ब्रांच मैनेजर की निशानदेही पर दुर्ग मोहन नगर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा मे उसके लॉकर से 18 ्र 38 ्र 300 रूपए के नए नोट और 4.50 लाख रूपए कीमत के जेवराम बरामद किए गए है।
गौरतलब हो कि देवकर निकाय मे संचालित छग राज्य ग्रामीण बैंक के ब्रांच मैनेजर पर नेाटबंदी की अवधि मे कमीशन के फेर मे काले धन को सफेद करने के आरोप लगे थे। मामले को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियो व दर्जनो हितग्राहियो ने चौकी देवकर मे ब्रांच मैनेजर अशोक व भृत्य के विरूद्व षिकायत कर मामले के जांच की मांग की थी। देवकर पुलिस ने मामले की विवेचना मे ब्रांच मैनेजर द्वारा गलत तरीके से पुराने नोटो को बदलकर नए नोटो का आहरण करना पाया।
ऑडिट रिपोर्ट मे खुलासा
मामले के तुल पकडने के बाद छग राज्य ग्रामीण बैक के क्षेत्रीय कार्यालय बिलासपुर द्वारा जांच के लिए ऑडिट टीम बैंक शाखा देवकर भेजी गई। जहां 3 दिनो तक जांच दल ने नोटबंदी की अवधि मे हुए लेनदेन के दस्तावेजो को खंगालने के पश्चात रिपोर्ट तैयार की। जांच मे देखा गया कि ब्रांच मैनेजर ने नोटबंदी की अवधि मे आरबीआई से जारी गाडडलाईन का उल्लघंन किया कि नही। बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय से पुलिस को प्राप्त आडिट रिपोर्ट के अनुसार नोटबंदी की अवधि मे आरबीआई के गाइडलाइन का उल्लघंन हुआ ्र जिसमे ब्रांच मैनेजर द्वारा ऋण सीमा नवीनीकरण तत्काल नही किया गया। लिमिट नवीनीकरण पपत्र तैयार नही किया गया इसके अलावा प्रधानमंत्री मुद्रा लेान के वाउचरो पर सिस्टम जनेटरेटेड क्यू नम्बर नही लिखा गया।
ऑडिट रिपोर्ट देने मे आनाकानी
एसपी के अनुसार मामले की जांच राजपत्रित अधिकारी द्वारा की जा रही है। जांच मे चौकीप्रभारी देवकर एनके भदौरिया जांच अधिकारी का सहयोग कर रहे है। गौरतलब हो कि मामले मे अपराध पंजीबद्व करने को लेकर ऑडिट रिपोर्ट के लिए स्थानीय पुलिस ने बैक के क्षेत्रीय कार्यालय बिलासपुर को पत्र लिखने के साथ दो बार जवान भेजे गए। जहां क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारी ने काई न कोई बहाना कर आडिट रिपोर्ट देने से इंकार कर दिया। अंत मे एसपी कार्यालय से आडिट रिपोर्ट के लिए क्षेत्रीय कार्यालय को कडा पत्र लिखने के बाद रिपोर्ट उपलब्ध कराई गइ। परिणाम स्वरूप षिकायत के करीक ढाई माह बाद प्रकरण दर्ज किया गया।
87 बैंक खातो में ट्रांजेक्शन
ममले मे ब्रांच मैनेजर ने शाखा देवकर से प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत बैंक से लोन लिए करीब 117 हितग्राहियो को लोन माफ होने का झांसा देकर कोरे विड्राल व जमा पर्ची पर हस्ताक्षर के बैक पासबुक को भी अपने पास रख लिया। करीब सप्ताह भर के बाद हितग्राही अपना पासबुक लेने बैक पहुंचे ्र जहां पासबुक में ट्रांजेक्शन को देखकर स्तंब्ध रह गए। प्रत्येक बैक खाते मे ब्रांच मैनेजर ने 22 हजार रूपए जमा करने के दो दिन पश्चात सारी जमा राशि को निकाल लिया था। मैनेजर ने करीब 87 बैक खातो मे नोटबंदी की अवधि में 19,83,150 रूपए जमा करने के पश्चात 18,38,300 रूपए खाताधारको की अनुमति बगैर आहरण कर लिए।
बैंक मैेनेजर के लॉकर से मिले 18 लाख 38 हजार 300 रूपए नए नोट
4,50 लाख रूपए के कीमति जेवरात भी बरामद
नोटबंदी के दौरान बैंक में करीब 3,50 करोड के नोट बदले गए
87 बैक खातो से नोटबंदी की अवधि में 19 लाख 83 हजार 150 रूपए जमा करने के पश्चात 18,38,300 रूपए खाताधारको की अनुमति बगैर किया आहरण।


