अफसरों का ध्यान सिर्फ शौचालयों पर, स्कूलों में पेयजल की सुध नहीं
बेमेतरा ! एक तरफ प्रशासन स्कूलो मे शौचालयों के निर्माण को लेकर काफी संवदेनशील नजर आ रही है ्र कमोबेश हर समय सीमा बैठक मे शिक्षा अधिकारी से स्कुलो मे बने शौचालयों की जानकारी ली जाती है।

स्कूलो में पेयजल की स्थिति को लेकर शिक्षा विभाग अनजान
गर्मी में होगी गंभीर समस्या
बेमेतरा ! एक तरफ प्रशासन स्कूलो मे शौचालयों के निर्माण को लेकर काफी संवदेनशील नजर आ रही है ्र कमोबेश हर समय सीमा बैठक मे शिक्षा अधिकारी से स्कुलो मे बने शौचालयों की जानकारी ली जाती है। वही दुसरी ओर स्कूलो मे पेयजल की क्या स्थिति है इसको लेकर न केवल जिला प्रशासन बल्कि शिक्षा अधिकारी भी उदासीन नजर आते है। विभाग की उदासीनता का आलत यह है कि जिले के स्कूलो मे जलापुर्ति की स्थिति की जानकारी नहीं है।
गौरलतब हो कि एक अप्रैल से नया शिक्षा सत्र शुरू होने वाला है। ऐसी स्थिति मे स्कूलों मे पेयजल व्यवस्था को दुरूस्त करने शिक्षा विभाग ने कोई पुर्व तैयारी नहीं दिख रही है। इस सबंध मे जानकारी को लेकर षिक्षा विभाग ने अब तक संस्था प्रमुखों को पत्र नहीं लिखा है। जिला शिक्षा अधिकारी एके भार्गव के अनुसार पेयजल व्यवस्था को लेकर सभी संस्था प्रमुखो को पत्र लिखा गया है ्र लेकिन संस्था प्रमुख डीईओ कार्यालय से कोई भी पत्र मिलने से इंकार रहे है।
53 लाख का मिला आबंटन
जिला शिक्षा अधिकारी एके भार्गव के अनुसार जिला गठन के पुर्व जिले के सरकारी स्कूलो मे शौचालय पेयजल व्यवस्था सहित अन्य कार्यो के लिए जिला पंचायत दुर्ग को शासन स करीब 53 लाख का आबंटन मिला था। शासन से आबंटित राशि अब जिला ंपचातय बेमेतरा को भेजी गई। जिसे जिला पंचायत द्वारा जिला शिक्षा विभाग को भेजने की कार्रवाही शुरू की दी है। आगमी कुछ दिनो मे करीब 53 लाख रूपए शिक्षा विभाग को मिलने पष्चात पेयजल व्यवस्था को दुरूस्त करने सहित अन्य कार्यो में लगाया जाएगा।
मध्यान्ह भोजन में होगी परेशानी
जिले के बेेमेतरा ्रनवागढ व थानखम्हरिया को ड्राईजोन मे शामिल किया गया है। इन क्षेत्रो मे वाटर लेवल 150 फीट पंहुचने के साथ अभी से सकंट गहराने लगा है। जिले मे जल सकंट की स्थिति से निपटने जिला प्रशासन द्वारा 1 मार्च से नवीन बोर खनन पर सार्वजनिक हितो को ध्यान मे रखकर संबधित शासकीय एंजेसियो बगैर अनुमति बोर खनन पर पेयजल व्यवस्था को लेकर बगैर कोई पुर्व तैयारी से नए शिक्षा सत्र मे काफी दिक्कतो का सामना करना पड सकता है। जहंा बच्चों का मध्यान्ह भोजन के साथ पेजयल आपूर्ति बाधित होगी।
बेतर स्कूल प्रकरण से नहीं लिया सबक
ग्राम बेतर स्कुल मे वाटर लेवल गिरने की वजह से महीने भर से बंद मध्यान्ह भोजन के प्रकरण से स्थानीय शिक्षा विभाग सबक लेने को तैयार नहीं है। बताना होगा कि जिला शिक्षा विभाग मे जिले के सरकारी स्कूलो मे हैंडपंपो व पारवपंपो की संख्या की कोई जानकारी उपलब्ध नही है। वही वर्तमान मे जल स्त्रोतो की स्थिति से भी विभाग के अधिकारी अनभिज्ञ है।
पेयजल स्त्रोतो की स्थिति व गणना को लेकर सभी बाईओ को पत्र लिखा गया है दो तीन दिनो मे जानकारी एकत्र कर ली जाएगी।
- एके भार्गव ्रडीईओ-बेमेतरा


