भारत और चीन के बीच आतंकवादी मसूद अजहर पर पांच घंटों की मैराथन बातचीत फेल
बीजिंग ! भारत और चीन के बीच पांच घंटों तक चली पहली सामरिक बातचीत में परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) के विशिष्ट क्लब में भारत के प्रवेश को लेकर कोई नतीजा नहीं निकल सका

बीजिंग ! भारत और चीन के बीच पांच घंटों तक चली पहली सामरिक बातचीत में परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) के विशिष्ट क्लब में भारत के प्रवेश को लेकर कोई नतीजा नहीं निकल सका और पाकिस्तानी आतंकवादी मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की ओर से काली सूची में डालने के संवेदनशील मुद्दे पर भी चीन एक इंच आगे नहीं बढ़ा। विदेश सचिव एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष झांग येसुई, जो चीनी विदेश मंत्रालय में कार्यकारी उपमंत्री भी हैं, की संयुक्त अध्यक्षता में हुई इस बैठक में दोनों पक्ष अपने रुख पर कायम रहें लेकिन चीन की ओर से भारत के समर्थन में अपने रवैये में बदलाव लाने का कोई आश्वासन नहीं मिला। उन्होंने कहा कि मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र की 1267 कमेटी के प्रतिबंध को लेकर भारत ने फिर से आवेदन पर विचार करने का आग्रह किया और आज यह भी उल्लेख किया कि इस पर केवल भारत ही नहीं बल्कि अन्य देशों द्वारा भी जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा,“वास्तव में अन्य देशों की ओर से दिया जा रहा दबाव दर्शाता है कि इस मामले में व्यापक अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल है और मसूद अजहर की गतिविधियों को लेकर चिंता है।
बातचीत शुरू होने से पूर्व श्री जयशंकर ने स्टेट काउंसलर यांग जिएची और विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात की।
विदेश सचिव ने कहा,“विचारों का गहरा आदान-प्रदान हुआ और इसमें हमारी ओर से वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम भी थी। अधिकारियों ने अफगनिस्तान, आतंकवाद के मुकाबले सहित बहुपक्षीय कूटनीति और द्विपक्षीय संबंधों के साथ साथ परमाणु मुद्दों पर भी अलग-अलग चर्चाएं कीं।”
दोनों पक्षों ने अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर एक “बहुत उपयोगी अादान प्रदान” किये और अपना दृष्टिकोण और विचार साझा किये।
अफगनिस्तान के मसले पर दोनों पक्षों ने क्षमता निर्माण सहित विकास संबंधी गतिविधियाें पर सहयोग को लेकर बातचीत की। भारतीय पक्ष ने व्यापार घाटे का मामला उठाया जबकि चीनी पक्ष ने इस पर कुछ कदम उठाने पर बल दिया।


