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लोकसभा चुनाव से पहले उप्र में जातीय हिंसा भड़का रही है भाजपा

  रिहाई मंच ने कहा कि पूरे सूबे में जाति के नाम पर हो रही लगातार हत्याओं और फर्जी मुठभेड़ के खिलाफ 11 फरवरी को सम्मेलन किया जायेगा जिसमें पूरे सूबे से संघर्षरत संगठनों के युवा नेता शिरकत करेंगे

लोकसभा चुनाव से पहले उप्र में जातीय हिंसा भड़का रही है भाजपा
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लखनऊ। रिहाई मंच ने कहा कि पूरे सूबे में जाति के नाम पर हो रही लगातार हत्याओं और फर्जी मुठभेड़ के खिलाफ 11 फरवरी को सम्मेलन किया जायेगा जिसमें पूरे सूबे से संघर्षरत संगठनों के युवा नेता शिरकत करेंगे।

मंच ने कहा कि भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में जातीय हिंसा को भड़का रही है ताकि चुनाव में जातीय आधार पर ध्रुवीकरण हो सके। मंच ने योगी सरकार पर आरोप लगाया कि प्रतापगढ़ के पट्टी थाना क्षेत्र में जातीय द्वेष की भावना से प्रदेश सरकार यादव जाति के लोगों का उत्पीड़न कर रही हैं।

रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि योगी सरकार पूरे सूबे में जातीय हिंसा को संचालित कर रही है जिसमें पिछड़ों-दलितों को निशाना बनाया जा रहा है। योगी सरकार सूबे भर के सवर्ण-सामंतों के संरक्षक के तौर पर भूमिका अदा कर रही है। उन्होंने बताया कि प्रतापगढ़ के पट्टी थाना में ठीक इसी तर्ज पर प्रदेश सरकार जातीय विशेष को फर्जी मुकदमे में फंसाकर उत्पीड़न कर रही है। पट्टी थाना के बिजेंद्र यादव, कल्लू यादव, सुरेश यादव, झल्लू यादव, जीतलाल यादव, कपिल यादव, राजेश यादव, हरिश्चंद्र यादव, अंकुर यादव, इन्द्रपाल यादव, रामशंकर यादव, लालबहादुर यादव, विक्की यादव, शोभनाथ यादव समेत 64 अन्य अज्ञात के खिलाफ जातीय द्वेष और राजनीतिक कारणों से संगीन धाराओं में फर्जी मुक़दमा दायर किया है।

दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश पुलिस पिछड़ों और मुसलमानों को मुठभेड़ों के नाम पर दिन दहाड़े हत्या कर रही है। पूर्वांचल में मुकेश राजभर, जयहिंद यादव, अन्नू सोनकर से लेकर नोएडा में जितेंद्र यादव तक फ़र्ज़ी मुठभेड़ों का सिलसिला जारी है. इन जातीय हत्याओं और मुठभेड़ों के खिलाफ रिहाई मंच 11 फरवरी को सम्मेलन करेगा।

जारी प्रेस नोट में रिहाई मंच प्रवक्ता अनिल यादव ने बताया कि 11 फरवरी को शाहिद आज़मी की शहादत की आठवीं बरसी पर होने वाले सम्मेलन के मुख्यवक्ता सामाजिक न्याय व्याख्याता अनिल चमड़िया होंगे. सम्मेलन में भीम आर्मी, अम्बेडकरवादी छात्र सभा, न्याय मंच बिहार, बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच, अम्बेडकर भगत सिंह विचार मंच, दलित आदिवासी पिछड़ा अल्पसंख्यक न्याय मंच, भारतीय किसान यूनियन, जन मंच के युवानेता समेत इलाहाबाद, जेएनयू, अलीगढ़, साकेत, बीबीएयू और लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रनेता भी शामिल होकर अपनी आवाज़ बुलंद करेंगे।

रिहाई मंच ने सामाजिक न्याय के संघर्षों से जुड़े दोस्तों और संगठनों से आयोजन में शामिल होने की अपील की है।


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