किसान आंदोलन से पहले प्रतिदिन करीब 60 हजार गाड़ियों का होता था दिल्ली आवागमन, अब हुआ आधा
कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर करीब 3 महीने से विरोध प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शन के चलते सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर सड़कें बंद कर दी गई हैं

नई दिल्ली। कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर करीब 3 महीने से विरोध प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शन के चलते सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर सड़कें बंद कर दी गई हैं। जगह जगह बैरिकेड और पुलिस बल तैनात किया गया है। बॉर्डर की ओर से गुजरने वाले रास्तों को भी डाइवर्ट किया गया है। इस वजह से पूरी ट्रांसपोर्ट व्यवस्था डगमगा गई है। प्रोटेस्ट की वजह से दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर तक ट्रकों की आवाजाही प्रभावित हो गई है। दिल्ली की ओर एंट्री करने के लिए ट्रकों को लंबे रास्ते अपनाने पड़ रहे हैं।
दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्ष राजेन्द्र कपूर ने आईएएनएस को बताया, "बॉर्डर बंद होने के कारण नुकसान का आकलन लगाना तो बेहद मुश्किल है, लेकिन इतना जरूर कह सकते हैं कि इस वक्त बस 60 फीसदी काम है।"
"दिल्ली के बाहर का कस्टमर आ नहीं पा रहा है। वहीं गाड़ियां आने में भी कतरा रही हैं कि कहीं तोड़फोड़ न हो जाए, डर तो रहता ही है। जिसकी वजह से काम कम है।"
उन्होंने आगे बताया, "गाड़ियों को बाहर से आने में समय ज्यादा लग रहा है, वहीं रूट चेंज करके आना पड़ रहा है। मार्ग बदल जाने के कारण डीजल 15 फीसदी ज्यादा लग रहा है।"
एक उदाहरण देते हुए राजेंद्र कपूर ने बताया कि, "मुम्बई से दिल्ली आने पर 25 हजार रुपए का खर्चा आता था, अब दिल्ली की सीमा बंद होने से करीब 28 हजार रुपए का खर्चा आ रहा है।"
दरअसल किसान आंदोलन से पहले हर दिन 50 से 60 हजार कमर्शियल गाड़ियों का आवागमन रहता था, लेकिन प्रदर्शन के चलते सडकें बंद होने से करीब 25 से 30 गाड़ियां ही दिल्ली में प्रवेश कर पा रही हैं।
सरकार और किसान संगठनों के बीच 11 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है। दूसरी ओर फिर से बातचीत शुरू हो इसके लिए किसान और सरकार दोनों तैयार हैं, लेकिन अभी तक बातचीत की टेबल पर नहीं आ पाए हैं।
दरअसल तीन नए अधिनियमित खेत कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 पर किसान सशक्तिकरण और संरक्षण समझौता हेतु सरकार का विरोध कर रहे हैं।


