अफसरों ने बरती ढील, बिल्डरों ने खोल दी सील
आवास विकास परिषद की आवासीय योजना वसुंधरा में इन दिनों अवैध निर्माणों की बाढ़ सी आ गई है

गाजियाबाद। आवास विकास परिषद की आवासीय योजना वसुंधरा में इन दिनों अवैध निर्माणों की बाढ़ सी आ गई है। खास बात यह है कि पास नक्शे के विपरीत किए जा रहे अवैध निर्माणों को इंजीनियर सील करते है लेकिन बेखौफ बिल्डर अगले ही दिन सील खोल देते है। ऐसे ही दस बिल्डरों के खिलाफ आवास विकास परिषद के सहायक अभियंता एस के वर्मा ने थानाध्यक्ष इन्दिरापुरम को तहरीर देकर सीआरपीसी की धारा-427,188 और 353 के तहत मुकदमा दर्ज करने का अनुरोध किया है। इनमें चार भूखंडों पर लगी सील खोलने वाले सुरेश चन्द जैन का नाम मुख्य है।
इसके अलावा प्रवीण कुमार, विजय सिंह, इरशाद व सुमन, राजीव कुमार और उमेश कुमार त्रिपाठी के खिलाफ भी तहरीर दी गई है। आवास विकास परिषद की वसुंधरा योजना में कुल 19 सेक्टर हैं जिनमें से इन दिनों सेक्टर-1, 2 व 3 में निर्माण कार्य जोरों पर है। बाकी अन्य सेक्टरों में अधिकांश खाली भूखंडों पर निर्माण हो चुका है। सेक्टर-1, 2, 3 15 एवं सेक्टर. 16 में बड़े और छोटे बिल्डर प्रोजेक्ट निर्माणाधीन हैं।
आवास विकास परिषद ने नक्शे के विपरित निर्माण करने पर माह मई, अगस्त और अक्टूबर में 10 बिल्डर के प्रोजेक्ट को सील कर दिया था। इन बिल्डरों को निर्माण कार्य तत्काल रोकने के आदेश जारी किए गए थे। सीलिंग के बावजूद बिल्डरों पर कोई फर्क नहीं पड़ा और प्रोजेक्ट की सील तोड़कर निर्माण कार्य धड़ल्ले से किया जाने लगा। आवास विकास ने ऐसे 10 प्रोजेक्ट के निर्माणकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए इंदिरापुरम थाने में पांच दिन पूर्व शिकायत दी थीं। शिकायत में इन सभी निर्माणकर्ताओं के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की गई हैए लेकिन पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया है।
एक अस्पताल ने भी किया उल्लंघन
वसुंधरा सेक्टर-13 स्थित एक अस्पताल ने भी नक्शे के विपरित निर्माण किया है। आवास विकास परिषद ने अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी कर अवैध निर्माण को तत्काल रोकने के आदेश दिए हैं।
बिल्डरों पर कार्रवाई से हिचक रही आवास विकास परिषद
नियमों का उल्लंघन कर निर्माण कर रहे बिल्डरों पर कार्रवाई से खुद आवास विकास परिषद भी हिचक रही है। यही वजह है कि परिषद अधिकारी इस मामले में कुछ भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं हैं। अधिकारियों का कहना है कि बिल्डरों को कार्रवाई की चेतावनी दी है। यदि निर्माणकर्ता नियमों के उल्लंघन पर ही आमादा रहेंगे तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों का कहना है कि परिषद ने अपनी तरफ से रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए सिर्फ कागजी कार्रवाई की है। आरोपी बिल्डरों पर एफआईआर दर्ज हो ऐसा प्रयास नहीं किया गया है।
बिल्डर के 21 फ्लैट सील किए थे
परिषद ने बीते माह सेक्टर-3 स्थित गार्डेनिया सोसाइटी के 21 फ्लैट सील कर दिए थे। परिषद ने आरोप लगाय कि बिल्डर पर 68 करोड़ रुपए बकाया चल रहा है जिसकी वजह से फ्लैट सील किए गए हैं। इसके विरोध में फ्लैट खरीदारों ने बिल्डर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग करते हुए परिषद अधिकारियों का घेराव किया था।
लेकिन परिषद ने आरोपी बिल्डर के खिलाफ केस दर्ज नहीं कराया। जबकि अपनी गाढ़ी कमाई से फ्लैट बुक कराने वाले खरीदार परेशान घूम रहे हैं। उनका कहना है कि जब बिल्डर पर बकाया था तो परिषद को उसकी संपत्ति कुर्क करनी चाहिए। जिन फ्लैटों की बिक्री नियमानुसार हुई है उनके खरीदारों को परेशान क्यों किया जाए। नियमों के उल्लंघन पर एफआईआर दर्ज कराएंगे। पुलिस की ढिलाई की वजह से रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई होगी। जिलाधिकारी को इसकी शिकायत करेंगे।


