गोवा में मानसून के आगमन संग पर्यटकों के लिए समुद्री तट बंद
गोवा में पर्यटकों के लिए समुद्र तटों और वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियों पर शनिवार से रोक लगा दी गई है

पणजी। गोवा में पर्यटकों के लिए समुद्र तटों और वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियों पर शनिवार से रोक लगा दी गई है। दृष्टि मरीन द्वारा जारी एक एडवाइजरी के अनुसार, समुद्र में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जबकि लोगों को सलाह दी गई है कि वे समुद्र के किनारे चट्टानी क्षेत्रों और चट्टानों पर न जाएं। दृष्टि मरीन एक निजी लाइफगार्ड एजेंसी है, जो राज्य के समुद्र तटों की देखरेख करती है।
दृष्टि मरीन के संचालन प्रमुख नवीन अवस्थी ने शनिवार को एक बयान में कहा, गोवा में प्री-मानसून की बारिश पहले से ही हो चुकी है। पिछले कुछ दिनों में तटीय इलाकों में हल्की बारिश देखी गई है। हमने सभी समुद्र तटों पर लाल झंडे लगाए हैं, जिसका मतलब है कि यह क्षेत्र तैराकी के लिए नहीं है।
उन्होंने कहा, गोवा में अभी भी कर्फ्यू जारी है, इसलिए हम आगंतुकों को समुद्र तट पर नहीं जाने की सलाह देते हैं। यहां तक कि पानी में उतरना भी उचित नहीं है। तट के किनारे मौजूद जीवनरक्षकों की हमारी टीम मौसम की स्थिति की निगरानी कर रही है। टीम को खराब मौसम में भी बचाव कार्य करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि पिछले महीने राज्य में कहर बरपाने वाले चक्रवात तौकते के मद्देनजर गोवा का समुद्र सामान्य से अधिक विषम (ऊबड़-खाबड़) है।
बयान में कहा गया है, हालिया चक्रवात तौकते के बाद समुद्र तटों के पास समुद्र की रूपरेखा बदल गई है, जिसके परिणामस्वरूप अधिक क्षेत्रों में चीरती हुई धाराएं देखी गई हैं। ये चीर धाराएं एक व्यक्ति को समुद्र के अंदर खींच सकती हैं, जिससे तैरना मुश्किल हो जाता है।
इसके अलावा बयान में कहा गया है कि दृष्टि मरीन की निगरानी में सभी समुद्र तटों पर लाल झंडे लगाए गए हैं, जो दर्शाता है कि ये सख्ती से गैर-तैराकी क्षेत्र हैं।
इसके अलावा आगंतुकों को यह भी सलाह दी गई है कि तटरेखा पर चट्टानी क्षेत्रों, चट्टानों और पहाड़ियों से बचने की खास जरूरत है, क्योंकि ये क्षेत्र मानसून के मौसम के दौरान बहुत फिसलन वाले होते हैं और यहां लहर की ऊंचाई, तीव्रता और आवृत्ति भी बहुत अधिक होती है।


