Top
Begin typing your search above and press return to search.

शादियों में संभल कर जाइए, हो सकते हैं फायरिंग के शिकार

बिहार में प्रतिमा विसर्जन, वैवाहिक समारोह या खुशी के अन्य मौके पर फायरिंग की घटना आम है. हंसी-खुशी के माहौल के बीच अचानक चली गोली से लोग घायल तो हो ही रहे, जान भी जा रही है.

शादियों में संभल कर जाइए, हो सकते हैं फायरिंग के शिकार
X

हाल यह है कि शादियों के इस सीजन में बीते एक मई से आठ जून के बीच राज्य के पंद्रह जिलों में हर्ष फायरिंग की तीन दर्जन से अधिक घटनाएं हुईं. इन घटनाओं में दस लोगों की जान चली गई, जबकि कई अन्य घायल हुए. केवल भोजपुर जिले में अब तक छह से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.

हद तो तब हो गई, जब इसी जिले में दूल्हे द्वारा की गई हर्ष फायरिंग में गोली उसकी मां को ही लग गई और उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई. हाल ही में एक मशहूर भोजपुरी महिला कलाकार उस शख्स की गोलियों की शिकार हो गईं, जो उनके कार्यक्रम के दौरान नए स्टाइल में जमीन पर गोलीबारी कर रहा था. उसी का एक हिस्सा छिटक कर उन्हें लग गया और वह स्टेज पर गिर पड़ी. बाद में उनका ऑपरेशन किया गया.

शादी में आरा छपरा हिलाने वाली लड़कियां कहां से आती हैं

इसी तरह जमुई जिले के सिकंदरा में अपनी सहेली प्रियंका की शादी में शामिल होने आई बीए पार्ट-वन की छात्रा सोनम की मौत हर्ष फायरिंग में गोली लगने से हो गई. यहां एक युवक शराब के नशे में फायरिंग कर रहा था. यह स्थिति तब है, जब बिहार में शराबबंदी है.

कई राज्यों की समस्या बन चुका है गन कल्चर

इससे संबंधित कोई विशेष आंकड़ा कहीं उपलब्ध नहीं है. एक अनुमान के मुताबिक राज्य में इस साल अब तक हर्ष फायरिंग की घटनाओं में कम से कम 25 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें महिलाएं व बच्चे भी शामिल हैैं.

असलहों का प्रदर्शन या फिर हर्ष फायरिंग केवल बिहार ही नहीं, कई राज्यों के लिए खासी समस्या बन चुकी है. हरियाणा, उत्तर प्रदेश या फिर पंजाब भी इसमें पीछे नहीं हैं. इन राज्यों में भी हथियार दिखा कर ताकत और संपत्ति का प्रदर्शन किया जाता है, खुशी के मौकों पर यही हथियार कई बार जानलेवा साबित होते हैं.

इस गन कल्चर को खत्म करने के लिए पंजाब की सरकार ने राज्य भर में आठ सौ से अधिक लाइसेंस रद्द कर दिए. बीते साल नवंबर महीने में पंजाब सरकार ने सार्वजनिक स्थलों पर असलहों के प्रदर्शन तथा हिंसा को उकसाने वाली गीतों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था.

डांसरों की मौजूदगी में मान बढ़ाने की कोशिश

हर्ष के इन मौकों पर बिहार में आर्केस्ट्रा के नाम पर डांसरों की भरपूर भागीदारी होती है. तमंचे पर इनके डांस का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल होता है. इनकी मौजूदगी में लोग स्टेट्स सिंबल के तौर पर असलहों का प्रदर्शन व फायरिंग करते हैं.

समाजशास्त्री एस के सेन कहते हैं, ‘‘राजनीति में जीत की खुशी या विवाह जैसे सामाजिक उत्सव में अपने वर्चस्व के प्रदर्शन का मौका मिलता है. वे इसे एक अवसर के रूप में देखते हैं. इसलिए अपना मान बढ़ाने को वे शस्त्र प्रदर्शन या फिर फायरिंग करते हैं. इसमें कोई दो राय नहीं कि डांसरों की मौजूदगी माहौल को अनुकूल या उत्तेजक बनाने में कोई कसर छोड़ती है. डांसरों पर नोट लुटाने के पीछे भी कमोबेश यही मानसिकता काम करती है.''

जीवन-यापन के लिए अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे ये कलाकार भी गोलियों की शिकार हो जाती हैं. जब इन्हें गोली लगती है तो ना तो आयोजक या ना उन्हें लाने वाले मदद करते हैं.

हरियाणा से आई एक डांसर तो गोली लगने के बाद महीनों बिस्तर पर पड़ी रही. अभी भी बिना सहारे के नहीं चल पा रही. इसी साल 14 मई को रोहतास जिले में एक तिलक समारोह में चांदनी नामक 18 साल की डांसर की मौत गोली लगने से हो गई.

रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर अजय सिन्हा कहते हैं, ‘‘कभी-कभी इन मौकों का फायदा असामाजिक तत्व भी उठाते हैं. कई बार तो लोगों को पता ही नहीं चल पाता है कि आखिर फायरिंग किसने की."

कम सजा के कारण बढ़ रहा हौसला

हर्ष फायरिंग को लेकर कानून तो पहले से ही है, लेकिन इस पर अमल नहीं किया जा रहा था. अधिकतर मामलों में पुलिस को इसका पता तब तक नहीं चल पाता है, जब तक कोई बड़ी घटना ना हो जाए या फिर उसका वीडियो न वायरल हो जाए.

पता चलने पर भी लोग जांच में पुलिस की मदद नहीं करते हैं. इस कारण दोषी को सजा दिलाना मुश्किल हो जाता है. पटना व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता राजेश के. सिंह कहते हैं, ‘‘ऐसे मामले में सख्त सजा का प्रावधान होना चाहिए. हर्ष फायरिंग के मामले में धारा-302 नहीं लगाई जाती है. सजा भी कम है, इसलिए लोगों में नहीं के बराबर भय रह गया है.''

आयुध अधिनियम की धारा-25 में जोड़ी गई नई उपधारा-9 के अनुसार कोई भी व्यक्ति गलत तरीके से आर्म्स का उपयोग या किसी भी परिस्थिति में हर्ष फायरिंग करता है, जिससे किसी की जान या सुरक्षा को खतरा उत्पन्न होता है तो ऐसा करने वाले व्यक्ति को दो साल की कैद या एक लाख जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है. हथियार का अनुचित प्रयोग पर लाइसेंस को भी रद्द करने का प्रावधान है,

सख्त हुई बिहार सरकार, नई एसओपी जारी

राज्य में तेजी से बढ़ती इन घटनाओं पर काबू पाने के लिए बिहार पुलिस ने सभी जिलों के लिए एक नई एसओपी जारी की है. अब शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम या सार्वजनिक सामाजिक आयोजन की जानकारी स्थानीय थाने को देनी होगी.

क्यों बढ़ रही है त्योहार पर हिंसा और सियासत

अहम यह कि यह भी लिखकर देना होगा कि आयोजन में हर्ष फायरिंग नहीं की जाएगी. मैरेज हॉल को भी सीसीटीवी लगाने का निर्देश दिया गया है. हालांकि, इससे पहले जारी एक निर्देश में मुख्यालय ने ऐसी घटनाओं पर नियंत्रण के लिए स्थानीय थानेदार को व आयोजक को जिम्मेदार बनाया जा चुका है.

आयोजक की भूमिका संदिग्ध हो तो उन पर मुकदमा करने का निर्देश दिया गया है. उकसाने वालों पर भी कार्रवाई को कहा गया है. पुलिस मुख्यालय का कहना है कि शस्त्र लाइसेंस सुरक्षा के लिए हैं, ना कि शादी-विवाह पर फायरिंग के लिए. कोई भी व्यक्ति बिना किसी वजह के फायरिंग करता या फिर रौब गांठने के लिए हथियार चमकाता दिखे तो उसे अविलंब गिरफ्तार कर उसका लाइसेंस रद्द करने की अनुशंसा की जाए.


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it