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बस्तर बाढ: शिविरों में रूके हैं करीब 200 बाढ़ पीड़ित परिवार

छत्तीसगढ के बस्तर में दो दिनों की अनवरत बारिश से शहर के निचले इलाकों में पानी भर गया है

बस्तर बाढ:  शिविरों में रूके हैं करीब 200 बाढ़ पीड़ित परिवार
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जगदलपुर। छत्तीसगढ के बस्तर में दो दिनों की अनवरत बारिश से शहर के निचले इलाकों में पानी भर गया है।

जिस पर जिला प्रशासन बस्तर द्वारा इन इलाकों के परिवारों के राहत के लिए त्वरित कार्यवाही कर अस्थायी शिविरों में इन्हें आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई गई है।

जल भराव से जिन परिवारों के घरों को नुकसान पहुंचा है, जिला प्रशासन ने शीघ्रता से इन परिवारों को सुरक्षित स्थानों में पहुंचाया है। ऐसे ही सात राहत शिविरों का कलेक्टर धनंजय देवांगन ने कल निरीक्षण किया।

इन शिविरों में उन्होंने साफ-सफाई की व्यवस्था देखी और चिकित्सकीय सेवा निरंतर उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
ज्ञात हो कि शिविरों में जिला प्रशासन द्वारा खाद्य, चिकित्सकीय व अन्य राहत सामग्री उपलब्ध कराई जा रहीं हैं। राहत शिविर आजाद आमागुड़ा में छह परिवार रूके हैं।

यहां कलेक्टर ने इन परिवारों को खादय सामग्री वितरित किया और प्राकृतिक आपदा की विषम परिस्थिति में उनका ढांढस बंधाते हुए जिला प्रशासन द्वारा हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने की बात कही।

श्री देवांगन ने राहत शिविरों में शौचालयों का निरीक्षण भी किया और और साफ-सफाई के संबंध में जरुरी निर्देश दिए।
श्री देवांगन भगतसिंह स्कूल स्थित राहत शिविर पहुंचे, जहां कुल 14 परिवार रूके हुए हैं। पीड़ित परिवारों के सदस्यों ने बताया कि कुछ के घर पूरी तरह से नष्ट हो चुके हैं।

इस पर कलेक्टर ने आरबीसी के तहत तत्काल सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।
भ्रमण के दौरान कलेक्टर उत्कल समाज भवन गए, जहां 13 परिवारों की रूकने की व्यवस्था की गई है, ये सभी डोकरीघाटपारा के हैं। इसी तरह रेलवे स्कूल में 60 बाढ़ पीड़ितों को रखा गया है।

श्री देवांगन ने जिला प्रशासन की तरफ से हर संभव मदद का भरोसा इन परिवारों को दिया। प्राथमिक शाला पनारापारा, उत्कल भवन, भगतसिंह स्कूल, आजाद आमागुड़ा, रेलवे स्कूल मेटगुड़ा, आंगनबाड़ी केन्द्र तिरंगा चैक और मंगल भवन स्थित राहत शिविरों में कुल 227 स्वास्थ्य परीक्षण किए गये, जिनमें बुखार के 31, सर्दी खासी के 48, दस्त के 04 और अन्य 41 मरीज मिले जिन्हे तत्काल चिकित्सा सुविधा मुहैया करायी गई।

नगरनार के समीप टापू बन चुके ग्राम भेजापदर भी श्री देवांगन पहुंचे। पहुंच मार्ग पूरी तरह से डूब जाने के कारण मोटर वोट द्वारा कलेक्टर और अधिकारी यहां पहुंचे। यहां के सरपंच बुधसन कश्यप ने बताया कि वर्ष 2010 में स्थिति ज्यादा खराब थी। इस बार अपेक्षाकृत कम लोग प्रभावित हुए हैं।

उन्होंने बताया कि गांव में एक पुल निर्माणाधीन है जिससे यहां के लोग सीधे उड़ीसा से जुड़ सकेंगे। उक्त पुल को देखने भी कलेक्टर निर्माण स्थल तक पहुंचे और सेतु निर्माण कार्य की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।

स्वास्थ्य विभाग के द्वारा बाढ़ पीड़ितों के लिए स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया था। जहां अनेक पीड़ित उपचार कराने मौजूद थे। यहीं पर कलेक्टर ने अपनी चैपाल लगाई और ग्रामीणों से वार्तालाप किया।

उन्होंने गांव में शिक्षकों, पटवारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, कृषि विस्तार अधिकारी की नियमित उपस्थिति की जानकारी ली।

श्री देवांगन ने गांव में शौचालय निर्माण और पूर्णतः शराबबंदी का संकल्प लेने के लिए ग्रामीणों को प्रेरित किया।


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