लखनऊ के बहुचर्चित गोमती रिवर फ्रंट योजना के बजट में कटौती
बरेली ! उत्तर प्रदेश के सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा है कि गोमती रिवर फ्रंट के प्रोजेक्ट में जिन कार्यों में फिजूलखर्ची की जा रही थी

बरेली ! उत्तर प्रदेश के सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा है कि गोमती रिवर फ्रंट के प्रोजेक्ट में जिन कार्यों में फिजूलखर्ची की जा रही थी,उनमें तीन सौ करोड़ रुपये की जो कटौती की गई है वह रकम दूसरे कार्यों पर खर्च की जा सकेगी।
श्री सिंह ने आज यहां सर्किट हाऊस में पत्रकारों से कहा कि गोमती नदी के पानी को साफ करने के लिए पिछली सरकार ने बजट के लिए कोई प्रावधान नहीं किया था। उन्होंने कहा कि गोमती नदी में शारदा नदी का पानी आएगा, जो बिल्कुल स्वच्छ होगा। सिंचाई मंत्री ने कहा कि वाकिंग ट्रैक पर मखमली गद्दे बिछाए जाने, साईकिल ट्रैक, जॉगिंग ट्रैक, स्ट्रीट लाइट, म्युजिकल फाउंटेन, एमपी थियेटर पर भी फिजूल में रकम खर्च की जा रही थी, उसमें भी कटौती की जा रही है। चार-चार करोड़ की कीमत से तीन वाटर बस खरीदी जानी थी। इसमें दो बसें अब नहीं खरीदी जाएंगी, क्योंकि उनकी जरूरत नहीं है। पूरा काम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर हो रहा है।
सिंचाई मंत्री ने कल लखनऊ में सिंचाई निदेशालय के अफसरों को बैठक में बजट के अनुरूप कार्य कराने के निर्देश दिए थे। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में बनने वाले जमरानी बांध के निर्माण में 44 साल बाद रुकावट अब उत्तर प्रदेश सरकार निकालने जा रही है। बांध निर्माण के लिए सरकार 650 करोड़ रुपये देने पर सहमत हो गई है। इससे बरेली समेत चार जिलों की दो लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि की सिंचाई नहरों के माध्यम से हो सकेगी। सिंचाई होने पर हर साल पांच लाख मीट्रिक टन अनाज का उत्पादन अधिक हो सकेगा। हल्द्वानी के ऊपरी भाग में बसे जमरानी गांव में यह बांध बनना प्रस्तावित है। लगभग 44 साल से यह प्रस्ताव चल रहा है लेकिन धरातल पर नहीं आ सका है। यह प्रोजेक्ट 2500 करोड़ का है। इस बांध के जरिये बरेली के बहेड़ी क्षेत्र का लगभग दस हजार हेक्टेयर इलाका सिंचित किया जाना है।


