बापू के आंसू
सप्ताह भर पहले एक भव्य समारोह का आयोजन कर राष्ट्रपिता की बेहद उंची कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया गया था

- मार्टिन जॉन
'बापू , आपकी आंखों में आंसू?'
सप्ताह भर पहले एक भव्य समारोह का आयोजन कर राष्ट्रपिता की बेहद उंची कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया गया था।..........अपनी गर्दन को यथासंभव आसमान की ओर करते हुए पूरे जोर गले से हमने कहा , 'आपको खुश होना चाहिए कि देश के बडे-बडे उद्द्योगपतियों , व्यवसायियों , सिने जगत के नामचीन हस्तियों , राजनेताओं की मदद से आपकी प्रतिमा को इतना भव्य रूप दिया गया है।.......उन्होंने आपके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि जतायी है।'
दु:ख तो इसी बात का है ! लम्बी सांस के साथ कातर स्वर में बापू ने कहा।
'वह कैसे बापू ?'
'जगदंबा आयरन एंड स्टील कंपनी का मालिक जगतलाल वही है न जो मेरे नाम पर महिला आश्रम चलाता है?'
'हां, वही है।'
'आश्रम की महिलाओंसे जबरन जिस्मफरोशी का धंधा करवाने के मामले में वह आरोपी है। फिर भी तुम्हारे क्षेत्र का एम.पी बन बैठा है , वह भी सत्तारूढ दल का।'
'हां, सही फरमाया आपने।'
'बालीवुड के फिल्मकार अब्बास खान वही है न जिसने 'अंडरवर्ल्ड' को सिनेमा के पर्दे पर उतारा था ?'
'हां फिल्म का डायरेक्टर प्रोड्यूसर वही था।'
'फिल्म के रिलीज होने के बाद यह पर्दाफाश हुआ कि वह अंडरवर्ल्ड का सरगना इदरीस खान का छोटा भाई है और अब तक की उसकी सारी फिल्मों के निर्माण में उसी सरगना का पैसा लगा था।'
'हां , यह खबर सुर्खियों में आई थी।'
'झाबरमल को तो जानते ही होगे !'
'हां हां क्यों नहीं। इस नगर के सबसे बडे होलसेल व्यापारी हैं।'
उसके दर्जनों अवैध गोदामों में छापामारी के बाद कालाबाजारी और मिलावट के किस्सों से कैसे प्रदेश में भूचाल आ गया था।.....आज वह नगर का 'चेम्बर ऑफ कामर्स' का चेयरपर्सन है।
'हां बापू , चैनलों में देखा था।'
'मददगारों की फेहरिस्त में दुलीचंद भारतवाला का भी नाम देख रहा हूँ।'
'हां बापू , वे तो हमारे प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री हैं।.......उन्होंने ही उस दिन आपकी प्रतिमा का अनावरण किया।'
'हां, जानता हूँ।....इससे बडी मेरी बेइज़्जती क्या हो सकती है कि प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री गांव के विकास के नाम पर तमाम तरह की योजनाओं , परियोजनाओं को इस तरह उदरस्थ कर गए कि डकार तक भी नहीं आने दी , यह जानते हुए भी कि मेरी आत्मा गांवों में बसती है।'
बापू का कंपकंपाता और रुआंसा स्वर मुझे विचलित कर रहा था। निरुपाय और निसहाय होकर उनको ताकता ही रहा।
'और जानते हो.......' बापू ने आर्द स्वर में रहस्योद्घाटन किया, 'इस अनावरण समारोह को किसने प्रायोजित किया ?'
मैं इस खबर से नवाकिफ था , 'किसने किया बापू ?'
हेवेन हिल्स ने।
मेरे मुंह से बेसाख्ता निकला , अरे यह तो इस नगर का सबसे बडा 'वाइन शॉप' है।....वैसे भी बापू अगर बुरा न मानें तो मैं कहूंगा कि देश की विभूतियों की प्रतिमाएं ऐसे ही लोगों की मदद से बनतीं हैं।...आजादी के बाद हम यही देखते सुनते आएं हैं।
बापू मौन हो गए। लेकिन आंसुओं की अविरल धारा से उनका चेहरा भीगता जा रहा था। मेरा जी चाह रहा था कि बापू की आंखों से बहते आंसुओं को पोछ दूँ। लेकिन ऊंचे लोगों ने बापू की मूर्ति इतनी ऊंची शायद इस सोच के तहत बनवायी थी कि हम जैसे आम आदमी की पहुंच उस ऊंचाई तक कभी न हो। ***


