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बिहार में बैंकिंग सेवाओं की देखरेख बैंकिंग निदेशालय करेगा : सुशील

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि भारत सरकार ने केसीसी की तर्ज पर डेयरी, फिशरी और पल्ट्री प्रक्षेत्र को भी ससमय कर्ज वापस करने पर चार प्रतिशत ज पर ऋण देने का प्रावधान किया है

बिहार में बैंकिंग सेवाओं की देखरेख बैंकिंग निदेशालय करेगा : सुशील
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पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को यहां कहा कि भारत सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की तर्ज पर डेयरी, फिशरी और पल्ट्री प्रक्षेत्र को भी ससमय कर्ज वापस करने पर चार प्रतिशत ब्याज पर ऋण देने का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार वित्त विभाग के अंतर्गत एक सांस्थिक बैंकिंग निदेशालय का गठन कर रही है, जो बिहार के बैंकिंग सेवाओं की आवश्यक देखरेख करेगा। बिहार के वित्तमंत्री मोदी बुधवार को यहां राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की 67वीं त्रैमासिक समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, "अभी तक किसान क्रेडिट कार्ड में एक लाख रुपये तक के ऋण पर किसी भी प्रकार के गिरवी और बंधक की कोई आवश्यकता नहीं थी। अब भारत सरकार ने इसकी राशि एक लाख से बढ़ाकर 1़ 60 लाख रुपये कर दी है।"

उन्होंने बैंकों को राज्य के सुदूर टोलों तक बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाने हेतु रोड मैप तैयार करने का निर्देश देते हुए कहा, "अब सरकार मूलभूत सुविधाएं जैसे बिजली, नल का पानी और पक्की नाली, गली तथा सड़क वहां पहुंचा दी है। अब गांव व टोले में रहने वालों के दरवाजे तक बैंक भी पहुंचना चाहिए।"

उन्होंने कहा कि इसके लिए बैंक राज्य के सभी 1़80 लाख गांवों में चरणवार 'बिजनेस कॉरेसपोंडेंश्' नियुक्त करें।

मोदी ने कहा, "एक लाख 30 हजार करोड़ रुपये की वार्षिक साख योजना के तहत तीसरी तिमाही तक 74,618 करोड़ रुपये यानी 57 प्रतिशत वितरित किया जा चुका है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 1400 करोड़ रुपये ज्यादा है। वित्त वर्ष के अंत तक इसे बढ़ाकर कम से कम 90 प्रतिशत करने का लक्ष्य है।"


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