आवासीय भूखंड योजना का पंजीकरण शुल्क भी बैंक करेंगे फाइनेंस
भूखंड आबंटित होने के बाद भी बैंक आबंटी को लोन भी देंगे

ग्रेटर नोएडा। आम आदमी के बजट को देखते हुए यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण भूखंडों की योजना ला रहा है। आवासीय योजना मेें आवेदन करने के लिए बैंक दस फीसदी पंजीकरण शुल्क का भी फाइनेंस करेंगे।
भूखंड आबंटित होने के बाद भी बैंक आबंटी को लोन भी देंगे। आवासीय योजना का प्रचार-प्रसार करने का जिम्मा भी प्राधिकरण बैंकों को देने की योजना बना रहा है।
इस मुद्दे पर बुधवार को यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरूणवीर सिंह ने विभिन्न बैंकों के साथ बैठक की। जिसमें कुछ बैंकों ने योजना का प्रचार-प्रसार अपने खर्च पर उठाने के लिए तैयार हो गए है।
योजना में 60 व 90 वर्गमीटर के होंगे भूखंड
यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण आवासीय योजना की योजना अब शुक्रवार को लांच करेंगा। प्राधिकरण अब 500 वर्गमीटर के भूखंड के बजाय 60 व 90 वर्गमीटर के भूखंडों की योजना ला रहा है।
छोटे भूखंडों की योजना सेक्टर-22 डी में होगी। यमुना में अभी तक सबसे छोटेभूखंड की योजना 120 वर्गमीटर तक लाया है। जेवर एयरपोर्ट के आसपास लगने वाले औद्योगिक इकाईयों में काम करने वाले लोग छोटे भूखंड लेकर अपना आशियाना बना सके।
इसे देखते हुए प्राधिकरण ने 120 वर्गमीटर से छोटे भूखंडों की योजना ला रहा है। इन भूखंडों की कीमत करीब दस से 15 लाख रुपए होंगे। यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण ने 120, 162, 200, 300 व 500 वर्गमीटर के भूखंडों की योजना लाने की तैयारी की थी।
यह योजना पहले बुधवार को लांच होनी थी। प्राधिकरण ने अब इस योजना में कुछ संशोधन किया है। प्राधिकरण ने योजना से 500 वर्गमीटर के भूखंड हटा दिया है।
300 वर्गमीटर के भूखंडों की संख्या कम कर दी है। उसके स्थान पर 60 व 90 वर्गमीटर के भूखंड होंगे। यमुना एक्सप्रसे-वे के सीइओ डॉ. अरूणवीर सिंह ने बताया कि आम आदमी अपने बजट के अनुसार भूखंड लेकर मकान बना सके इसलिए छोटे भूखंडों की योजना लाया जा रहा है।
यमुना में पहली बार 60 व 90 वर्गमीटर के सबसे छोटे भूखंडों की योजना आ रही है।
योजना में आवेदन के लिए बैंक करेंगे फाइनेंस
आवासीय योजना में आवेदन करने के लिए बैंक पंजीकरण शुल्क भी फाइनेंस करेंगे। इसके लिए वह दस फीसदी पंजीकरण शुल्क का ब्याज लेंगे।
दिसंबर में ड्रा निकलने के बाद सफल आवेदक को भूखंड की पूरी किश्त भी बैंक फाइनेंस करेंगे। बैंक में प्राधिकरण की योजना के प्रचार-प्रसार में होने वाले खर्च को वहन करेंगे। यानि योजना के प्रचार-प्रसार में प्राधिकरण का कोई भी पैसा खर्च नहीं होगा।
ऐसा पहली बार हो रहा जब किसी प्राधिकरण की आवासीय योजना के प्रचार-प्रसार का खर्च बैंक उठा रहे हैं। यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरूणवीर सिंह ने बताया कि बुधवार बैंकों के साथ बैठक हुई। जिस पर कुछ बैंकों ने इस पर सहमति दी है। पंजीकरण शुल्क से करीब 570 करोड़ आने की उम्मीद है।


