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बैंड बाजा बारात संकट में, तोड़े जाएंगे शहर के सभी मैरिज गार्डन!
शहर में 400 से अधिक मैरिज गार्डन हैं। इनमे हजारों लोगों को रोजगार मिलता है। अचानक आए तुगलकी फरमान से सब परेशान हैं। जिनकी बुकिंग है वह परिवार भी चिंता में हैं। क्या इनकी शादियां हो पाएंगी

गजेन्द्र इंगले
ग्वालियर: शहर में अधिकांश मैरिज गार्डन का संचालन अवैध रूप से किया जा रहा है। और अब यदि यह सभी सारे नियम एक माह के अंदर पूरे नहीं करते हैं तो इन्हे तोड़ दिया जाएगा। इस तुगलकी फरमान के बाद मैरिज गार्डन संचालक पशोपेश में हैं। हालाकि उन्होने प्रशासन को अपनी समस्याओं से अवगत कराने के लिए बैठकर निपटारा करने की बात कही है। अभी शादी का सीजन चल रहा है, इन मैरिज गार्डन में सैंकड़ों शादियों की बुकिंग है। अब यदि इनको बन्द किया जाता है तो यह शादियां कहां होंगी। इनकी शहनाई बजने व डोली उठने पर संकट मंडरा रहा है।
अभी टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ने 132 मैरिज गार्डन्स को नोटिस जारी कर दिए है। ग्राम एवं नगर निवेश ने अपने अधिनियम 1973 की धारा 36 के तहत यह नोटिस जारी किए हैं। ग्राम एवं नगर निवेश के अधिकारी वी के शर्मा का कहना है कि पहले मैरिज गार्डन संचालक को टी एंड पीसी से परमिशन लेना होती है उसके बाद निर्माण की अनुमति नगर निगम से हासिल करनी होती है। लेकिन दोनों में से यदि किसी भी अनुमति की कमी है तो ऐसे मैरिज गार्डन को अवैध ही माना जाएगा और ऐसे मैरिज गार्डन के खिलाफ उन्हें तोड़ने की कार्रवाई की जाएगी। ग्राम एवं नगर निवेश का कहना है कि 5 लाख से अधिक आबादी वाले क्षेत्र में संचालित मैरिज गार्डन को कम से कम 10 हजार स्क्वायर मीटर का एरिया होना आवश्यक है। यदि इससे कम एरिया पाया जाता है तो वह एक तरह से अवैध है और उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि शहर में एक या दो मैरिज गार्डन को छोड़ दें तो बाकी सभी 10 हजार स्क्वायर मीटर से कम क्षेत्रफल के मैरिज गार्डन है। यदि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अधिकारियों की माने तो ऐसी स्थिति में अधिकांश मैरिज गार्डन पर तोड़फोड़ की कार्रवाई होने का अंदेशा है। मैरिज गार्डन संचालकों में टीएनपीसी के नए नोटिस से हड़कंप मचा हुआ है।
मैरिज गार्डन संगठन के सचिव रामकुमार सिकरवार का कहना है कि शहर में 400 से अधिक मैरिज गार्डन हैं। इनमे हजारों लोगों को रोजगार मिलता है। अचानक आए तुगलकी फरमान से सब परेशान हैं। जिनकी बुकिंग है वह परिवार भी चिंता में है और लगातार फोन कर वस्तुस्थिति की जानकारी ल रहे है । हम लोग उन्हें क्या जवाब दें। यह फरमान चुनाव से पहले ही क्यूं आया। उन्होंने ऐसे आदेश के पीछे सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाए। इस मामले मै संभाग आयुक्त दीपक सिंह से बात करने के लिए उनके मोबाइल नंबर पर कई बार संपर्क किया लेकिन उनका फोन नहीं उठा। सभी गार्डन संचालकों ने फैंसला किया है के वे प्रशासन से मिलकर अपना पक्ष रखेंगे।
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