किसानों के लिए पानी लेने पर प्रतिबन्ध,एनटीपीसी को छूट
आज हड़ताल के 13 वें दिन भी एनटीपीसी लारा प्रभावित स्थाई नौकरी की मांग को लेकर ग्रामीणों का धरना समाप्त नहीं हो पा रहा है

रायगढ़। आज हड़ताल के 13 वें दिन भी एनटीपीसी लारा प्रभावित स्थाई नौकरी की मांग को लेकर ग्रामीणों का धरना समाप्त नहीं हो पा रहा है। तेज आंधी, भीषण गर्मी, और बारिश में भी आंदोलन जारी रहा। रविवार को हुई बारिश में टेंट के नीचे बैठे ग्रामीण भीगते रहे। पर आंदोलन स्थल से उठे नहीं।
एनटीपीसी लारा में स्थाई नौकरी को लेकर हड़ताल चौक पर डटे रहे आंदोलनकारियों को आज कांग्रेस के नेताओं का पुरजोर समर्थन प्राप्त हुआ। पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के नेता श्री कृष्ण कुमार गुप्ता का समर्थन संदेश लेकर कांग्रेस नेताओं का हड़ताल स्तर पर पदार्पण हुआ जिसमें गोपाल दास गुप्ता (पूर्व उपअध्यक्ष कांग्रेस कमेटी), सुरेंद्र कुमार पंडा (पूर्व महामंत्री) एवं सफेद गुप्ता (जिला पंचायत सदस्य) सम्मिलित हुए।
नेता गोपाल दास ने कहा कि - प्रशासन तथा एनटीपीसी का पक्षपातपूर्ण व्यवहार अनुचित है। सीपत की तरह लारा एनटीपीसी में भी भू विस्थापितों को नौकरी मिलनी चाहिए। सुरेंद्र पंडा ने फर्जी पुनर्वास का मुद्दा उठाते हुए कहा कि - एन.टी.पी.सी को टाटा सिंगूर पश्चिम बंगाल की तरह उखाड़ फेंकना चाहिए। वही कोंडाताराइ पूर्व सरपंच व प्रभावी नेता मृत्युंजय ठाकुर ने कहा कि - दलगत भावना से उठकर सभी लोगों को एक साथ मिलकर लारा विस्थापितों के अधिकार के लिए लड़ना चाहिए।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जल्दी ही हम सब मिलकर एनटीपीसी लारा की नाकाबंदी करेंगे, जिसे एनटीपीसी बुरी तरह से परेशान हो जाए। क्षेत्र के जनप्रतिनिधि श्री सफेद गुप्ता ने कहा कि हम सभी आप के अधिकार की लड़ाई में साथ हैं। जिला प्रशासन,रायगढ़ के तुगलकी निति के कारण छत्तीसगढ़ की पुनर्वास नीति लागु नहीं होना बताया गया और तब तक आंदोलन जारी रखेंगे, जब तक मांग पूरी नही हो जाती है।
उल्लेखनीय रहे कि उद्योगों को भूमिगत जल का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। क्योंकि क्षेत्र का गिरता हुआ जल स्तर चिंताजनक है। जिस के संबंध में पूर्व ही एनटीपीसी एवं शासन द्वारा निर्देश दिए गए हैं। परंतु एनटीपीसी लारा द्वारा अपने जलाशय की आपूर्ति भूमिगत जल द्वारा किया जा रहा है जिसके लिए जलाशय के आस पास लगभग 12 बोर से दिन-रात भूमिगत जल का दोहन किया जा रहा है। वही कांदागढ़ से केलो नदी से भी नदी जल का दोहन किया जा रहा है।
गर्मी में केलो नदी का जलस्तर गिर रहा है जिससे क्षेत्र के रहने वाले हो वासियों को जल की आपूर्ति की समस्या हो सकती है। जिसका लगातार विरोध ग्राम वासियों द्वारा किया जा रहा है। परंतु प्रशासन नियम अवहेलना करने वाली एनटीपीसी का साथ देकर ग्रामवासियों को अनदेखा कर रहा है। इस क्षेत्र को बाढ़ आंचल क्षेत्र के उड़ीसा एवं छत्तीसगढ़ के कार्यकर्ताओं ने गंभीरता से लिया है और इसे राष्ट्रीय स्तर पर महानदी बचाओ आंदोलन से जोड़ने की बात कही है।
जिसका सीधा संबंध उड़ीसा और छत्तीसगढ़ के मध्य महानदी जल विवाद से है। स्थिति को देखकर कहा जा सकता है कि आंदोलन अब राज्य की सीमा को बांधते हुए विकराल हो सकता है जिस से कई लोग आंदोलन से जुड़ेंगे।
आज के आंदोलन को समर्थन देने आए पूर्व विधायक विजय अग्रवाल के सुपुत्र पवन अग्रवाल समर्थन देने पहुंचे और कहा - मैं एनटीपीसी लारा के भू विस्थापितों की समस्या सुनी और उनकी स्थाई रोजगार की मांग को जायज बताया। और कहा हर कदम पर मैं आप लोगों के साथ हूं।
युवाओं का जोश बढ़ाते हुए कहा कि प्रशासन और एनटीपीसी का व्यवहार भले ही अत्याचारी और दमनकारी हो पर आप अपने अधिकार के लिए पीछे मत हटना हम आगे की रणनीति तय करेंगे और आंदोलन को बृहद करेंगे और आज के होली दहन कार्यक्रम में पवन अग्रवाल की मौजूदगी में एनटीपीसी लारा जल चोरी का पुतला जलाया गया और विरोध प्रदर्शन किया गया।


