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महाराष्ट्र में एक बार प्रयोग होने वाले कई तरह के प्लास्टिक और थर्माकोल पर प्रतिबंध

महाराष्ट्र सरकार ने प्लास्टिक और थर्माकोल पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध विभिन्न श्रेणियों के आधार पर लगाया गया है

महाराष्ट्र में एक बार प्रयोग होने वाले कई तरह के प्लास्टिक और थर्माकोल पर प्रतिबंध
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नई दिल्ली। महाराष्ट्र सरकार ने प्लास्टिक और थर्माकोल पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध विभिन्न श्रेणियों के आधार पर लगाया गया है, जिसमें 200 मि. ली. से कम पीने के पानी की छोटी बोतलें, खरीदारी के लिए इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक बैग के साथ ही डिस्पोजेबल थर्माकोल कप, प्लेट और स्ट्रॉ शामिल हैं।

महाराष्ट्र के पर्यावरण विभाग, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और ठाणे नगर निमग द्वारा प्लास्टिक और थर्माकोल प्रतिबंध अधिसूचना के लिए एक सचित्र गाइड बुक जारी की गई है।

प्रतिबंधित वस्तुओं में ऐसी प्लास्टिक की बोतलें शामिल हैं जिनमें 200 मि. ली. या इससे कम तरल की क्षमता होगी। इसके अलावा प्लास्टिक मिनरल वॉटर पाउच भी इसमें शामिल है। एमआरपी मुद्रित 200 मि. ली. से बड़े आकार की बोतलों पर हालांकि कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।

इसके अलावा प्लास्टिक शॉपिंग बैग, एक बार इस्तेमाल होने वाले थर्माकोल से बने कप, प्लेट, दोने, चम्मच और स्ट्रॉ भी प्रतिबंधित किए गए हैं। वहीं सजावट के उद्देश्य के लिए प्लास्टिक और थर्माकोल से बनाई गई वस्तुओं पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।

अधिसूचना के तहत पहली बार नियमों को तोड़ते पाए जाने पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। अगर दूसरी बार पकड़े गए तो 10 हजार रुपये जुर्माना वसूला जाएगा। इसी के साथ अगर तीसरी बार प्रतिबंधित वस्तुओं के प्रयोग करते कोई पकड़ा गया तो उस पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाने के साथ ही तीन महीने के कारावास की सजा भी भुगतनी होगी।

राज्य सरकार ने रिसाइकल हो सकने वाले प्लास्टिक जैसे चिप्स पैकेट, शैंपू पाउच, तेल पैकेट और चॉकलेट पैकेट में इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। इसके साथ ही बोतल, बाल्टी, मग जैसे घरेलू उद्देश्य के लिए इस्तेमाल की जाने वाली प्लास्टिक की वस्तुओं को भी अनुमति दी गई है।



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