Top
Begin typing your search above and press return to search.

हरिद्वार में अस्थि विसर्जन पर लगी रोक हटी

हरिद्वार में पिछले करीब 40 दिनों से अस्थि विसर्जन पर लगी रोक हटाने के लिए तीर्थ पुरोहितों का दबाव आखिरकार सफल रहा और प्रदेश सरकार ने कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पारित कर यह रोक हटा दी है।

हरिद्वार में अस्थि विसर्जन पर लगी रोक हटी
X

हरिद्वार। उत्तराखंड की पवित्र नगरी हरिद्वार में पिछले करीब 40 दिनों से अस्थि विसर्जन पर लगी रोक हटाने के लिए तीर्थ पुरोहितों का दबाव आखिरकार सफल रहा और प्रदेश सरकार ने कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पारित कर यह रोक हटा दी है।

सरकार के गुरुवार को केबिनेट में लिए गए इस निर्णय के बाद इस संबंध में आदेश जारी किए है। अब गाड़ी चालक के अलावा दो व्यक्ति हरिद्वार आकर अपने दिवंगत परिजन की अस्थियों का विसर्जन कर सकते हैं।

राष्ट्रव्यापी पूर्णबंदी लागू होने के बाद से हरिद्वार में अस्थि विसर्जन पर पूरी तरह रोक लगा दी गई थी अन्य राज्यों से लोग अस्थियां लेकर बकायदा प्रशासन की अनुमति लेकर आ रहे थे लेकिन हरिद्वार के तीनों बॉर्डर से ही उन्हें वापस लौटना पड़ रहा था। प्रतिदिन विभिन्न राज्यों के लोग अपने तीर्थ पुरोहितों को हालात के बारे में जानकारी ले रहे थे बार-बार प्रयास करने के बाद भी पुलिस अधिकारी अस्थियां लेकर आने वालों को जिले में प्रवेश नहीं करने दे रहे थे।

गौरतलब है कि तीन दिन पहले ही श्री गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा और महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक से मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन दिया था जिसमें मांग की गई थी कि भले ही एक या दो परिजन को ही आने की अनुमति दी जाए। लेकिन अस्थि विसर्जन पर लगी रोक को हटा लिया जाए।

उन्होंने मांग की थी कि पूर्णबंदी की सभी नियमों का पालन करते हुए अस्थि विसर्जन की अनुमति दी जाए इस बारे में मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार को भी ज्ञापन भेजे गए थे।

शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने इस मामले में सद्भावना पूर्वक विचार कर निर्णय लेने का भरोसा दिलाया था और आखिरकार गंगा सभा के तीर्थ पुरोहितों का दबाव काम आया।

देहरादून में हुई प्रदेश सरकार की कैबिनेट की बैठक में अस्थि विसर्जन के लिए आने वाले लोगों पर लगी रोक को हटा दिया गया है।

श्री कौशिक ने इस आशय की पुष्टि की प्रदेश सरकार ने जो निर्णय लिया है उसके अनुसार गाड़ी लेकर आने वाले चालक के अलावा दिवंगत व्यक्ति के दो परिजन भी अस्थि विसर्जन के लिए आ सकते हैं। पिछले 40 दिनों से हरिद्वार के तीर्थ पुरोहित कोई भी अस्थि विसर्जन नहीं करा पा रहे थे इक्का-दुक्का कोई व्यक्ति अगर आ रहा था तो वही अस्थि विसर्जन कर पा रहा था।

सरकार के इस निर्णय के बाद से शहर के बाजारों में भी कुछ गतिविधियां बढ़ने की संभावना बढ़ी हैं अन्यथा इस पवित्र नगरी के बाजारों मे सन्नाटा पसरा हुआ था।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it