Top
Begin typing your search above and press return to search.

वकालत की ठेकेदारी करने पर रोक

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश में ला फर्मो एवं वेबसाइटों के जरिये वकीलों को इंगेज करने,उनका प्रमोशन और प्रचार कर वकालत के काम की ठेकेदारी करने पर रोक लगा दी है

वकालत की ठेकेदारी करने पर रोक
X

लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश में ला फर्मो एवं वेबसाइटों के जरिये वकीलों को इंगेज करने,उनका प्रमोशन और प्रचार कर वकालत के काम की ठेकेदारी करने पर रोक लगा दी है।

अदालत ने कहा कि इन वेबसाइटों व फर्मो का यह कृत्य गैरकानूनी है क्योंकि बार काउंसिल के नियम यह सब करने की इजाजत नहीं देते है । अदालत ने विपक्षी लॉफर्मो व साइटों से जवाबी फलाफ़नाम भी तलब किया है ।

यह आदेश न्यायमूर्ति मुनीस्वर नाथ भंडारी व न्यायमूर्ति विकास कुँवर श्रीवास्तव की खंडपीठ ने स्थानीय अधिवक्तता यश भारद्वाज की ओर से दायर याचिका पर दिए है ।

याचिका में कहा गया है कि कुछ लोग गैरकानूनी तरीके से लॉ फर्मो को रजिस्टर्ड कराकर वेबसाइटों के जरिये वकीलों को फोन करते है और उनको अनेक तरह के प्रलोभन देकर फर्म से जुड़ने को प्रेरित करते है । यह भी आरोप है कि वकीलों को काम दिलाने के नाम पर उनसे पैसे भी जमा कराते है और बाद में मुकदमो की खुद डीलिंग कर वकीलों से काम कराते है और कमीशन भी देते है ।

याची ने याचिका दायर कर इस फर्जी व गैरकानूनी कृत्य पर तत्काल रोक लगाए जाने व इसको बंद किये जाने की मांग की है । याची ने जस्ट डायल , वकील सर्च , डेस्क नाइन सहित 22 लॉ फर्मो को विपक्षी पक्षकार बनाया है । उसका आरोप है कि यह सभी साइड व फर्मे यह काम नही कर सकती । यह कृत्य बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमो के खिलाफ है ।

कुछ विपक्षियों की ओर से प्रति शपथ पत्र भी फाइल किया गया । अन्य शेष फर्मो का जवाब मांगते हुए अदालत ने वकीलों को इन फर्मो व साइटों द्वारा इंगेज कर व्यवसाय करने पर रोक लगा दी है । अदालत ने कहा कि किसी हाल में बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमो के विपरीत काम नही किया जा सकता है । अदालत ने सख्त हिदायत देते हुए विपक्षी फर्मो को यह सब करने से रोक दिया है । इस मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी को नियत की है ।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it