बीएड कॉलेजों में प्रवेश पर रोक
परिनियम 28 के तहत् बीएड कालेजों में प्राचार्य, शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं करने व विश्वविद्यालय द्वारा 7 बार पत्र प्रेषित करने के बाद भी भर्ती
बीयू ने उठाया सख्त कदम, 14 कालेजों पर लगा प्रतिबंध, शिक्षकों की नहीं की भर्ती
बिलासपुर, (देशबन्धु)। परिनियम 28 के तहत् बीएड कालेजों में प्राचार्य, शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं करने व विश्वविद्यालय द्वारा 7 बार पत्र प्रेषित करने के बाद भी भर्ती प्रक्रिया के संबंध में जानकारी नहीं देने वाले 14 शिक्षा महाविद्यालयों पर बिलासपुर विश्वविद्यालय ने सख्त कार्रवाई करते हुये सत्र 2018-19 के प्रथम वर्ष में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है।
बिलासपुर यूनिवर्सिटी ने परिनियम 28 के तहत भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं करने वाले 14 बीएड कालेजों की सत्र 2018-19 की प्रवेश पर रोक लगा दी है। बीय ने बीएड कालेजों से 7 बार पत्र के माध्यम से परिनियम 28 के तहत भर्ती प्रक्रिया के संबंध में जानकारी मांगी। फिर भी इन शिक्षा महाविद्यालयों द्वारा पत्र का जवाब नहीं दिया गया। ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए यह कार्रवाई बीएड कालेजों पर की है। अब जब तक इन कालेजों में प्राचार्यों व प्रोफेसर व शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती तब तक यह कालेज प्रवेश नहीं दे सकेंगे।
ज्ञात हो कि यूजीसी के गाइडलाइन व एनसीटीई के मापदंड के तहत सभी यूनिवर्सिटी को परिनियम 28 के तहत कालेजों में भर्ती प्रक्रिया के निर्देश दिये जाते हैं जिसको विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा सभी कालेजों को सूचित किया जाता है कि कालेजों में भर्ती प्रक्रिया पूरी कराये अन्यथा प्रवेश पर रोक लगा देे। बिलासपुर यूनिवर्सिटी से संबद्ध बीएड कालेजों में अधिकांश कालेजों में प्राचार्य, प्रोफेसर व शिक्षक भी पर्याप्त रूप से नहीं है। जिस पर बीयू ने पहले ही भर्ती प्रक्रिया पूरी कराने निर्देश दिये थे। लेकिन इन कालेजों में अव्यवस्था के बीच ही कालेज संचालित किये जा रहे थे।
इन कालेजों पर लगा प्रतिबंध
बीयू ने 14 शिक्षा महाविद्यालयों पर प्रवेश प्रतिबंधित किया है। जिसमें डीपी विप्र शिक्षा महाविद्यालय, डीएलएस बीएड कालेज, जीटीवी कालेज फरहदा, मदनमोहन मालवीय कालेज लावर, केशर शिक्षा समिति खोखरा जांजगीर, सिद्ध शक्तिपीठ महामाया बिलासपुर, एस.एस.सारबहरा, सोनकर कालेज बुंदेली मुंगेली, पंडित हरिशंकर शिक्षा महाविद्यालय जांजगीर, राधाकृष्ण कालेज नवागढ़, शिवशक्ति कालेज जांजगीर, कमला नेहरू कालेज कोरबा, उत्कर्ष शिक्षा महाविद्यालय जांजगीर-चांपा है।
वास्तविकता कुछ और है
जिले में चल रहे बीएड कालेज भले ही संसाधन और जरूरी मानक पूरा करने का दावा कर रहे हैं लेकिन रिकार्ड कुछ और ही हकीकत बयां कर रहे हैं। हालात ये है कि बीयू से संबद्ध बीएड महाविद्यालय एनसीईटी के नियमों पर खरा नहीं उतर रहे हैं। इन कालेजों में बिल्डिंग से लेकर संसाधन तक का अभाव है। ना ही आधारभूत संरचना, न ही शिक्षक फिर भी कालेज खोल डिग्री बांटी जा रही है। वेबसाइट में कालेज फैकल्टी स्टाफ तथा मूलभूत सुविधाओं के ब्रोशर दिखाकर छात्रों को प्रवेश देेते हैं। प्रवेश के बाद पता चलता है कि वस्तुस्थिति क्या है।
मापदंड का नहीं करते पालन
एनसीटीई के सख्त निर्देश के बाद भी बीएड कालेज मापदंड का पालन नहीं करते। वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन से जवाब मांगने पर भी यह कालेज अपनी मनमानी करते हैं। टीचिंग से संबंधित कोर्स कराने वाले कालेजों को नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर्स एजुकेशन एनसीटीई मान्यता प्रदान करती है। जिसमें बीएड, डीएड व एमएड कोर्स संचालित किये जाते हैं। एनसीटीई की ओर से स्पष्ट रूप से शिक्षा महाविद्यालयों को निर्देश है कि नियमित शिक्षकों की नियुक्ति सहित अन्य कमियों को दूर नहीं करने पर मान्यता समाप्त हो जायेगी फिर भी कालेज संचालक अपनी मनमानी कर नियमों को ताक पर रखकर कोर्स संचालित करते हैं।


