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हाथियों की चिंघाड़ से थर्रा रहे बालको के बनवासी

 कोरबा वन मंडल अंतर्गत बालको वन परिक्षेत्र के जंगलों में हाथियों का दल लगातार विचरण कर रहा है

हाथियों की चिंघाड़ से थर्रा रहे बालको के बनवासी
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कोरबा। कोरबा वन मंडल अंतर्गत बालको वन परिक्षेत्र के जंगलों में हाथियों का दल लगातार विचरण कर रहा है। 38 हाथियों की मौजूदगी ग्राम दोंदरों के करीब जंगल में बनी हुई है। इन्हीं में से कुछ हाथी रूकबहरी के जंगल में पहुंचे जिन्हें देखकर भाग रहा ग्रामीण गड्ढे में गिरकर चोटिल हो गया।

जानकारी के अनुसार बालको क्षेत्रांतर्गत ग्राम रूकबहरी के 3 ग्रामीण लकड़ी बीनने के लिए निकटस्थ जंगल में गए हुए थे। लकड़ियां बीनने के दौरान छत्रपाल नामक ग्रामीण की नजर हाथी पर पड़ी तो वह शोर मचाते हुए जान बचाने के लिए भागा। इस भागमभाग में वह असंतुलित होकर गड्ढे में गिर पड़ा।

दूसरे ग्रामीणों ने किसी तरह उसे बाहर निकाला और घर तक लाये। उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उधर दूसरी ओर रूकबहरी के जंगल में हाथी देखे जाने की खबर से ग्रामीणों में भय व्याप्त हो गया है। याद रहे बालको वन परिक्षेत्र के बुंदेली, रिस्दी, झगरहा व भुलसीडीह में पिछले दो - तीन दिनों तक उत्पात मचाने के बाद हाथी दोंदरों की तरफ रुख कर चुके है।

हाथियों को खदेड़ने का प्रयास तो किया जा रहा है। लेकिन वन अमला को अपेक्षानुरूप परिणाम नहीं मिला है। खबरों के मुताबिक 10 हाथियों का एक झुण्ड करतला वन परिक्षेत्र के ग्राम कोटमेर के जंगल में डटा हुआ है। हाथियों के इस दल ने गांव के पांच किसानों की फसल को नुकसान भी पहुंचाया है।


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