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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आवास में तोड़फोड़ के 8 आरोपियों की जमानत याचिका खारिज

अदालत ने यह देखते हुए याचिका खारिज कर दी कि प्रथम ²ष्टया यह स्पष्ट है कि शांतिपूर्ण ढंग से विरोध करने का उनका मौलिक अधिकार उनके द्वारा जानबूझकर पार किया गया है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आवास में तोड़फोड़ के 8 आरोपियों की जमानत याचिका खारिज
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नई दिल्ली| दिल्ली की एक अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास में तोड़फोड़ करने के आरोप में गिरफ्तार आठ आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी है।

अदालत ने यह देखते हुए याचिका खारिज कर दी कि प्रथम ²ष्टया यह स्पष्ट है कि शांतिपूर्ण ढंग से विरोध करने का उनका मौलिक अधिकार उनके द्वारा जानबूझकर पार किया गया है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नवीन कुमार कश्यप ने सोमवार के आदेश में आरोपी को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि हालांकि, राजनीतिक दल द्वारा इकट्ठा होने और विरोध करने का अधिकार एक मौलिक अधिकार है, मगर यह कुछ प्रतिबंधों के अधीन है और अनियंत्रित नहीं है।

अदालत ने यह भी नोट किया कि आरोपी व्यक्तियों ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और पुलिस अधिकारियों को चोट पहुंचाई।

अदालत के आदेश में कहा गया है, "संबंधित पुलिस अधिकारी द्वारा यह सही कहा गया है कि जांच बहुत प्रारंभिक चरण में है और वे अभी भी अन्य अपराधों की जांच कर रहे हैं (यदि कोई हो).. आगे कहा गया है कि वे अभी भी सीएम हाउस के संबंधित अधिकारी को सीसीटीवी फुटेज और बूम बैरियर को नुकसान के संबंध में दिए गए नोटिस के जवाब का इंतजार कर रहे हैं।

इसके अलावा, पुलिस रिमांड लेने की अवधि भी अभी समाप्त नहीं हुई है। इसलिए, जिस तरह से वर्तमान अपराध किया गया है, जांच का प्रारंभिक चरण और वर्तमान अभियुक्त व्यक्तियों को सौंपी गई भूमिका को देखते हुए, यह न्यायालय इस स्तर पर उन्हें नियमित जमानत देने के लिए इच्छुक नहीं है।

इन अवलोकनों के साथ इन आठ संबद्ध जमानत आवेदनों को खारिज के रूप में निपटाया जाता है।"

दिल्ली पुलिस के अनुसार, आईपीसी की धारा 186 (लोक सेवक को सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा डालना), 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल), 188 (जनता द्वारा विधिवत घोषित आदेश की अवज्ञा) और 332 (स्वेच्छा से लोक सेवक को उसके कर्तव्य से रोकने के लिए चोट पहुंचाना) के साथ ही सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की रोकथाम अधिनियम की धारा 3 के तहत तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

30 मार्च को, 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म को लेकर विधानसभा में मुख्यमंत्री की हालिया टिप्पणी पर भाजपा के युवा मोर्चा की अगुवाई में विरोध प्रदर्शन के दौरान केजरीवाल के आवास के बाहर हंगामा करने के लिए लगभग 70 लोगों को हिरासत में लिया गया था। सीएम केजरीवाल की ओर से कश्मीर से कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित फिल्म को लेकर की गई 'नकारात्मक' टिप्पणी की वजह से युवाओं के बीच रोष पैदा हो गया था, जिसके परिणामस्वरूप यह घटना हुई।

घटना के वक्त केजरीवाल आवास के अंदर मौजूद नहीं थे।


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