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'चाचा-भतीजा' की लड़ाई में फंसे बघेल, सबकी नजर पाटन सीट पर

छत्तीसगढ़ में हो रहे विधानसभा चुनाव में सबसे हॉट सीट दुर्ग जिले की पाटन विधानसभा है। जहां कांग्रेस के उम्मीदवार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का मुकाबला अपने भतीजे व भाजपा सांसद विजय बघेल से है।

चाचा-भतीजा की लड़ाई में फंसे बघेल, सबकी नजर पाटन सीट पर
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रायपुर। छत्तीसगढ़ में हो रहे विधानसभा चुनाव में सबसे हॉट सीट दुर्ग जिले की पाटन विधानसभा है। जहां कांग्रेस के उम्मीदवार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का मुकाबला अपने भतीजे व भाजपा सांसद विजय बघेल से है।

यहां पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं। इस सीट के नतीजे सियासी रसूख तय करने वाले होंगे।

राज्य गठन से पहले पाटन विधानसभा क्षेत्र से भूपेश बघेल 1993 से निर्वाचित होते आ रहे हैं। मगर इस दौरान उन्हें 2008 में अपने भतीजे विजय बघेल से शिकस्त मिली थी। इसी के बाद से पाटन विधानसभा क्षेत्र सियासी मैदान का प्रमुख केंद्र बन गया।

बीते चुनाव में भूपेश बघेल ने यहां से जीत दर्ज की और उसके बाद मुख्यमंत्री बने, बघेल के मुख्यमंत्री बनने के बाद का यह पहला चुनाव है और इस चुनाव में उनके भतीजे भाजपा उम्मीदवार के तौर पर विजय बघेल सामने हैं। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी जो जनता कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर मैदान में आए हैं, उन्होंने पूरे मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है।

जातीय गणित के हिसाब से पाटन विधान सभा सीट को देखें तो यहां अन्य पिछड़ा वर्ग का दबदबा है, यहां कुर्मी और साहू मतदाता सबसे ज्यादा हैं। भाजपा और कांग्रेस के दोनों ही उम्मीदवार कुर्मी समाज से आते हैं। इसीलिए मुकाबला रोचक है। पाटन विधानसभा चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि दो पिछड़े नेताओं में अगड़ा कौन है, यह तय होने वाला है।

राजनीतिक विश्लेषकों को कहना है कि राज्य के विधानसभा चुनाव में जातीय जनगणना बड़ा मुद्दा है और भूपेश बघेल इसे पूरी दमदारी से उठा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भाजपा अपना स्टैंड क्लियर नहीं कर पा रही है। यहां मुकाबला पिछड़ा वर्ग के वोट हासिल करने के लिए ही है इसके चलते तीनों उम्मीदवार अपना जोर लगाने में पीछे नहीं रहेंगे।


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