Top
Begin typing your search above and press return to search.

बदलापुर एनकाउंटर: अक्षय शिंदे की मौत की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन

बदलापुर के एक प्रतिष्ठित स्कूल में चार साल की दो लड़कियों के यौन शोषण के मुख्य आरोपी अक्षय शिंदे के एनकाउंटर को लेकर विवाद चल रहा है। इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने मामले की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश दिलीप भोसले की अध्यक्षता में एक सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है

बदलापुर एनकाउंटर: अक्षय शिंदे की मौत की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन
X

मुंबई। बदलापुर के एक प्रतिष्ठित स्कूल में चार साल की दो लड़कियों के यौन शोषण के मुख्य आरोपी अक्षय शिंदे के एनकाउंटर को लेकर विवाद चल रहा है। इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने मामले की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश दिलीप भोसले की अध्यक्षता में एक सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है।

सरकार ने मंगलवार को गजट अधिसूचना जारी की। इसमें कहा गया है कि आयोग अधिनियम, 1952 के तहत मामले की जांच की जाएगी और रिपोर्ट तीन महीने के भीतर पेश करनी होगी।

महाराष्ट्र सरकार ने मुंब्रा बाईपास (ठाणे) में 23 सितंबर को अक्षय शिंदे और पुलिस एस्कॉर्ट पार्टी के बीच हुई गोलीबारी की घटना की जांच के लिए एक आयोग का गठन किया है। आयोग घटना की समयरेखा की जांच करेगा, जिसमें अक्षय शिंदे की मौत कैसे हुई थी और इसके अलावा आयोग इसके कारणों तथा परिणामों का विश्लेषण भी करेगा। आयोग यह जांच करेगा कि क्या कोई व्यक्ति, समूह या संगठन, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस घटना के लिए जिम्मेदार था।

आयोग यह जांच करेगा कि पुलिस ने घटना के दौरान क्या उचित कदम उठाए थे और इससे जुड़े सभी पहलुओं की विस्तृत जांच करेगा।

इसके अलावा, आयोग राज्य सरकार से उपलब्ध कराए गए घटना से संबंधित अन्य सभी पहलुओं की जांच करेगा। इसके अलावा ऐसी घटनाओं को दोबारा होने से रोकने के लिए पुलिस की ओर से उठाए जाने वाले अल्पकालिक और दीर्घकालिक उपायों का सुझाव देगा।

विपक्षी दलों और पूर्व पुलिस अधिकारी जेएफ रिबेरो समेत सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों ने एनकाउंटर की कड़ी आलोचना की थी और इसके समय पर सवाल उठाए थे। इसके कुछ दिनों बाद राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है।

अधिसूचना के अनुसार, राज्य सरकार यह राय रखती है कि घटना के सटीक क्रम, उसके कारणों, क्या इसमें कोई व्यक्ति, समूह या संगठन शामिल है की जांच तथा घटना के दौरान पुलिस की भूमिका की जांच करना जरूरी है। जांच आयोग अधिनियम, 1954 की धारा 3 के तहत नियुक्त आयोग के माध्यम से ऐसी घटना दोबारा होने से रोकने के उपायों की पहचान करना भी जरूरी है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it