कमजोर तबके के लोगों पर अत्याचार पर कार्रवाई रिपोर्ट देने में राज्य पीछे: जस्टिस दत्तू
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने समाज के कमजोर तबके के खिलाफ अत्याचार को लेकर उसकी सिफारिशों पर कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने में कर्नाटक समेत कई राज्य सरकारों के लापरवाही बरतने पर कड़ी नाराजगी जतायी

बेंगलुरु। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने समाज के कमजोर तबके के खिलाफ अत्याचार को लेकर उसकी सिफारिशों पर कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने में कर्नाटक समेत कई राज्य सरकारों के लापरवाही बरतने पर कड़ी नाराजगी जतायी है।
आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एचएल दत्तू ने गुरुवार को एनएचआरसी के दो दिवसीय खुले सत्र के उद्घाटन के मौके पर कहा कि आयोग ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और दूसरे कमजोर तबके के लोगों पर अत्याचार, विभिन्न जगहों पर यौन उत्पीड़न, मानव तस्करी, लिंग भेद और इससे जुड़े दूसरे अन्य मुद्दों के खिलाफ कई सिफारिशें की हैं। इसके बावजूद ऐसी भयावह घटनाओं को खत्म करने के लिए सरकार का रवैया संतोषजनक नहीं रहा है।
उन्होंने कहा, “एनएचआरसी की अनुशंसाओं पर राज्य सरकारों को कार्रवाई रिपोर्ट देनी चाहिए। मैं उम्मीद करता हूं कि इस दो दिवसीय खुले सत्र के समापन के बाद मेरी चिंताओं को लेकर कर्नाटक सरकार मुझे जानकारी देगी।'
न्यायमूर्ति दत्तू ने कहा कि राज्य सरकारों को सबसे पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जीवन-यापन करने में असमर्थ दबे-कुचले और कमजाेर तबके के लोगों की बेहतरी के लिए बनाए गए महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों का लाभ उन तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि जल, शिक्षा, उनकी पहुंच वाली सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं, संचार, सड़कें और ऐसी ही दूसरी मूलभूत जरूरतें पूरी करने में राज्यों के असफल रहने पर मानवाधिकार का उल्लंघन माना जाएगा।


