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रामपुर का उपचुनाव तय करेगा आजम का सियासी भविष्य

भड़काऊ भाषण को लेकर यूपी के वरिष्ठ सपा नेता मोहम्मद आजम खान की विधायकी जाने के बाद रामपुर में उपचुनाव की प्रक्रिया जारी है।

रामपुर का उपचुनाव तय करेगा आजम का सियासी भविष्य
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रामपुर, 22 नवंबर: भड़काऊ भाषण को लेकर यूपी के वरिष्ठ सपा नेता मोहम्मद आजम खान की विधायकी जाने के बाद रामपुर में उपचुनाव की प्रक्रिया जारी है। वहां से करीब दस बार विधायक रहे आजम के लिए उपचुनाव कड़ा इम्तिहान होगा, जो उनके सियासी भविष्य को तय करेगा।

रामपुर की राजनीति में ऐसा 45 साल बाद होने जा रहा है कि आजम खां के परिवार से कोई भी सदस्य रामपुर के चुनावी दंगल में नहीं है। रामपुर शहर सीट से आजम खां 1977 से चुनाव लड़ते आ रहे हैं। पहला चुनाव वह हार गए थे, लेकिन इसके बाद 1980 से लेकर अब तक 10 चुनाव जीत चुके हैं। राज्य में जब भी सपा की सरकार रही है। तब तब आजम कई-कई विभागों के मंत्री रहे। वह नेता प्रतिपक्ष भी बने, राज्यसभा सदस्य भी रहे। वह सांसद भी रहे।

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो वर्ष 2019 में वह पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़े और सांसद बने। इसके बाद उन्होंने विधायक के पद से इस्तीफा दे दिया। तब उपचुनाव में उनकी पत्नी डा. तंजीन फात्मा सपा प्रत्याशी बनीं और शहर विधायक बन गईं, लेकिन इस बार ऐसा हुआ कि उनके परिवार से कोई भी प्रत्याशी नहीं हैं।

अभी तक रामपुर के छोटे बड़े निर्णय आजम ही लेते आए हैं। पार्टी को भी उनका समर्थन रहा है। इसी कारण लोकसभा उपचुनाव हारने के बाद भी उन्होंने आसिम रजा को एक बार फिर रामपुर विधानसभा उपचुनाव में अपने आप प्रत्याशी घोषित कर दिया। जबकि पार्टी की तरफ से बाद में एलान हुआ। इसी बात से उनकी पार्टी में हैसियत आंकी जा सकती है। यहां का चुनाव इस बार बहुत कुछ तय करने जा रहा है। कांग्रेस ने यहां पहले ही हथियार डाल रखे हैं। बसपा ने इस चुनाव में भाग नहीं लिया है। इस कारण बसपा के वोटरों का रुख किधर रहेगा बता पाना मुश्किल है।

उधर रामपुर विधानसभा सीट पर कई मुस्लिम नेताओं ने सपा की खिलाफत का बिगुल फूंक दिया है। कभी आजम के खास रहे उनके मीडिया प्रभारी फसाहत अली खां उर्फ शानू भाजपा में शामिल हो गए। उनको खुद भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने पार्टी की सदस्यता दिलाई है। शानू की गिनती आजम खां के बेहद करीबी लोगों में होती रही है। आजम खां के साथ ही उनके खिलाफ दो दर्जन से ज्यादा मुकदमे भी हैं। दो बार प्रशासन उन्हें गुंडा एक्ट लगाकर जिला बदर भी कर चुका है। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना को समर्थन देने की घोषणा की है।

कांग्रेस के नेता नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां और गन्ना विकास परिषद के पूर्व अध्यक्ष बाबर अली खां भाजपा को समर्थन देने की घोषणा कर चुके हैं। इसके साथ ही राष्ट्रीय लोकदल के पूर्व जिलाध्यक्ष मोहम्मद उसमान ने भी भाजपा के समर्थन देने की बात की है।

कांग्रेस के और नेता और पूर्व मंत्री काजिम अली खान कहते हैं कि रामपुर में दो पार्टियों के आमने समाने के चुनाव हो रहे हैं। हमने भाजपा को समर्थन देने का एलान किया। भाजपा निश्चित तौर पर चुनाव जीतेगी। उन्होंने कहा कि कुछ दिन बाद स्वार विधानसभा में एक बार फिर चुनाव होंगे। क्योंकि बाप एक नंबरी तो बेटा दस नंबरी है।

कांग्रेस नेता बाबर अली खान ने कहा कि आजम खान ने रामपुर की जनता के लिए कुछ नहीं किया, इसीलिए इस उपचुनाव में हमने भाजपा का साथ देने का ऐलान किया है।

राष्ट्रीय लोकदल के पूर्व जिलाध्यक्ष मोहम्मद उसमान ने कहा कि आजम जब भी सरकार में रहें तो यहां की जनता के साथ जुल्म ही किए हैं। उनके जुल्म का शिकार हमारा भाई हो चुका, उसे झूठे केस में जेल भेजा गया था। इन्ही सब बातों से तंग आकर हमने भाजपा का समर्थन देने का फैसला किया है।

सपा के प्रवक्ता डा आशुतोष वर्मा ने कहा कि उपचुनाव में भाजपा अपने को हारता देख अब साजिश कर रही है। वह कभी डराकर धमकार अपनी ओर लोगो को खींचने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन जनता रामपुर में आजम खान के साथ हुए जुल्म का बदला लेने जा रही है।

वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक पीएन द्विवेदी कहते हैं कि रामपुर लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में भाजपा आजम का रसूख खत्म करना चाहती है। इसी कारण वो सीट जीतने के पूरे प्रयास में लगी है। भाजपा ने इस सीट को जीतने के लिए बूथ प्रबंधन और पसमांदा सम्मलेन के जरिए जोर लगा रही है।


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