आयुष विश्वविद्यालय के छात्रों ने खोला मोर्चा
दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय छात्र संघ के मेडिविजन डिपार्टमेंट ने विश्वविद्यालय में व्याप्त विभिन्न समस्याओं को लेकर मोर्चा खोल दिया हैं......
रायपुर। दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय छात्र संघ के मेडिविजन डिपार्टमेंट ने विश्वविद्यालय में व्याप्त विभिन्न समस्याओं को लेकर मोर्चा खोल दिया हैं। इसमें 14 सूत्रीय मांग रखते हुए छात्र संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि जल्द उक्त समस्याओं को निराकरण नहीं किया गया तो प्रदेश व्यापी आंदोलन का सामना करना पड़ेगा। उनका कहना था कि छात्र संघ विश्वविद्यालय में छात्रो की समस्या निराकरण के लिए 3 दिवसीय चौपाल भी लगाई थी।
आज एक पत्रकार वार्ता में आयुष विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष सौरभ कुमार प्रभात ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए दी उन्होंने बताया कि आयुष विश्वविद्यालय द्वारा प्रति परीक्षा में परीक्षा शुल्क के साथ छात्र कल्याण शुल्क 100 रुपए एवं फिजिकल वेलफेयर शुल्क रू. 100 प्रति छात्र हर परीक्षा में लिया जाता है, अगर सभी छात्र के इन दोनों शुल्क को जोड़ा जाए तो करीब 30 लाख (अनुमानित) से अधिक रूपये विश्वविद्यालय के पास जमा होता है। परंतु इतने शुल्क लेने के बाद भी जब से विश्वविद्यालय बना है, तब से आज तक विश्वविद्यालय द्वारा न ही कोई खेलकूद प्रतियोगिता और न ही कोई सांस्कृतिक प्रतियोगिता कराया गया हैं। विश्वविद्यालय बनने के 8 वर्ष बाद भी आजतक दीक्षांत समारोह का आयोजन विश्वविद्यालय नहीं कर पाया हैं। अत: इसका आयोजन यथाशीघ्र कराया जाए। हर छात्र से नामांकन फॉर्म के साथ ग्रन्थालय शुल्क रू. 500 लिया जाता परंतु विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों को ग्रन्थालय की सुविधा 8 वर्ष बाद भी उपलब्ध नहीं करायी गई है।
अत: विश्वविद्यालय जो शुल्क छात्रों से ले रहा उसके बदले छात्रों को कोई सुविधा नहीं मिल रही। अगर प्रति वर्ष 6000 छात्र-छात्राएं भी विश्वविद्यालय में नामांकन कराते है तो इसका कुल योग लगभग 30 लाख (अनुमानित) सालाना होता है। अत: छात्रसंघ मांग करती है कि सभी छात्रों को उनके द्वारा जमा किए रू. 500 वापस दिए जा और जब तक ग्रंथालय को व्यवस्था नहीं होती तब तक छात्रों से ग्रन्थालय शुल्क न लिया जाएगा।
सितंबर 16 को आंदोलन के बाद कुल सचिव ने उत्तर पुस्तिकाओं की छाया प्रति उपलब्ध कराने की मांग को विश्वविद्यालय के कार्य समिति/ कार्यकारी परिषद/ मैनेजमेंट कमीटी में रखने की बात को लिखित रूप में दिया था। परंतु बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि 10 माह बीत जाने के बाद भी कार्यकारी परिषद की बैठक नहीं हुई है। जबकि हाल में ही उच्चा न्यायालय ने एमडीएस के छात्र के द्वारा दायर की गई याचिका के निर्णय में उत्तर पुस्तिका की छाया प्रति उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। इसलिए छात्रसंघ में मांग करती है कि यथाशीघ्र छात्र-छात्राओं के अनुरोध पर उत्तर पुस्तिकाओं की छाया प्रति उपलब्ध कराने का प्रावधान किया जाए। अंकसूची में सुधार के लिए आवेदन तिथि से 15 दिनों के अंदर अंकसूची प्रदान की जाए तथा सभी प्रकार के आवेदन फार्म महाविद्यालय में ही जमा कराये जायें, जिससे छात्रों को बार-बार विश्वविद्यालय का चक्कर न लगाना पड़े। परीक्षा समाप्त होने के अधिकतम 45 दिनों के अंदर परीक्षाफल प्रकाशित किया जाए।


