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एक और गौरवशाली क्षण की साक्षी बनी अयोध्या : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अयोध्या में दिव्य राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं

एक और गौरवशाली क्षण की साक्षी बनी अयोध्या : पीएम मोदी
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अयोध्या में दिव्य राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या एक और गौरवशाली क्षण की साक्षी बनी है। दिव्य राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा सभी राम भक्तों को श्रद्धा और आनंद से भर देने वाली है।

पीएम मोदी ने यह भी कामना की है कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम सभी देशवासियों को सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य प्रदान करें।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "प्रभु श्री राम की जन्मस्थली अयोध्या एक और गौरवशाली और ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनी है। भव्य-दिव्य राम दरबार की प्राण-प्रतिष्ठा का यह पावन अवसर समस्त रामभक्तों को श्रद्धा और आनंद से भावविभोर करने वाला है। मेरी कामना है कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम सभी देशवासियों को सुख-समृद्धि और आरोग्य का आशीर्वाद दें। जय सियाराम!"

अयोध्या के लिए गुरुवार को एक और ऐतिहासिक दिन रहा। पहली बार पूरी दुनिया के सामने राजा राम दरबार की झलक दिखाई गई। भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान समेत संपूर्ण राम दरबार की भव्य प्रतिमा मंदिर के प्रथम तल विराजमान हो गई।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भव्य मंदिर में राजा राम की प्राण प्रतिष्ठा की। इस मौके पर वैदिक मंत्रों की ध्वनि चारों दिशाओं में गुंजायमान रही। अभिजीत मुहूर्त, वेदघोष और मंत्रोच्चार की ध्वनि के बीच अयोध्या में गंगा दशहरा के अवसर पर श्रीराम दरबार सहित समस्त नवनिर्मित देवालयों में प्राण प्रतिष्ठा का भव्य समारोह सम्पन्न हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में हुए इस त्रिदिवसीय अनुष्ठान का यह अंतिम दिन था, जिसमें वैदिक परंपरा और आधुनिक तकनीक का दुर्लभ संगम देखने को मिला।

बुधवार सुबह 6:30 बजे यज्ञमंडप में आवाह्नित देवताओं के पूजन के साथ अनुष्ठान की विधिवत शुरुआत हुई। दो घंटे चले इस पूजन के बाद सुबह 9 बजे से हवन प्रारंभ हुआ, जो लगभग एक घंटे तक चला। इसके बाद सभी नवनिर्मित देवालयों में केंद्रीयकृत दृश्य और श्रव्य माध्यमों की सहायता से एक साथ प्राण प्रतिष्ठा का पावन कार्य सम्पन्न हुआ।


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