अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर आमरण अनशन शुरू
उत्तर प्रदेश की अयोध्या नगरी में विवादित श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण को लेकर साेमवार को तपस्वी छावनी के महंत स्वामी परमहंस दास अपने आश्रम के सामने अशोक वृक्ष के नीचे आमरण अनशन पर बैठ गये है

अयोध्या। उत्तर प्रदेश की अयोध्या नगरी में विवादित श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण को लेकर साेमवार को तपस्वी छावनी के महंत स्वामी परमहंस दास अपने आश्रम के सामने अशोक वृक्ष के नीचे आमरण अनशन पर बैठ गये है।
आमरण अनशन पर बैठे महंत परमहंस दास ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी घोषणा कर दें कि इतने दिनों के में राम मंदिर का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा तो मेरा अनशन अपने आप समाप्त हो जायेगा। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण न होने से मुझे आमरण अनशन पर बैठने के लिये बाध्य होना पड़ा। यह कैसी विडम्बना है कि अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनना चाहिये जो नहीं बन पा रहा है।
उन्होंने कहा कि मुझे यह पता नहीं कि मेरे मरने के पहले या मरने के बाद राम मंदिर का निर्माण होगा लेकिन हम लोगों को शत-प्रतिशत आशा है कि बहुत जल्द ही प्रधानमंत्री मोदी रामलला का दर्शन करेंगे।
दास ने आज पत्रकारों से कहा कि आखिर राम मंदिर कब बनेगा। न्यायालय पर हम दबाव डाल नहीं सकते। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूरे विश्व में जगह-जगह घूम रहे हैं लेकिन राम लला का दर्शन करने अयोध्या नहीं आ सकते। आखिर उनकी हमारे रामलला से क्या दुश्मनी है। उन्होंने कहा कि देश का 95 प्रतिशत मुसलमान चाहता है कि अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बने। उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर का निर्माण निर्विवाद व निर्विरोध होना चाहिये।
अनशन पर बैठे महंत परमहंस को समर्थन देने पहुंचे सेंट्रल शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कहा कि भगवान राम का भव्य मंदिर अयोध्या में बनना चाहिए मैं इसका समर्थन करता हूँ और यही महंत परमहंस का भी मकसद है।
उन्होंने कहा कि भगवान ने कहीं न कहीं राम मंदिर बनाने की तिथि तय कर रखी होगी। हर एक अच्छे कार्य में बाधायें आती रहती हैं। हमारा मानना है कि 2019 के आसपास मंदिर निर्माण शुरू हो जाना चाहिये। विवादित श्रीरामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने अनशन का समर्थन करते हुए कहा कि श्री मोदी और श्री योगी राम मंदिर निर्माण के लिये आश्वासन दें।
उन्होंने कहा कि जब हम लोग उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहते हैं कि राम मंदिर का निर्माण होना चाहिये तो वह कहते हैं आप सब गौपालन करें और जब तारीख की बात करते हैं तो कहते हैं कि रामलला बतायेंगे। उन्होंने कहा कि इस तरह का बयान उनके द्वारा दिया जाता है।
आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की भाषा अब पूरी तरह बदल गयी है। यह रामलला की उपेक्षा है। जिससे पूरे रामभक्त मोदी व योगी से नाराज हैं। इस अवसर पर करपात्री महाराज, रघुवंश संकल्प सेवा ट्रस्ट के सदस्य स्वामी दिलीप दास त्यागी, बाबा शंकरदास, पूर्व न्याय अध्यक्ष स्व. परमहंस के शिष्य नारायण मिश्रा समेत कई संत-धर्माचार्य उपस्थित थे।


