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अयोध्या मामला : राम लला मध्यस्थता प्रक्रिया से अलग

राम लला विराजमान के वकीलों ने आज सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि वह अयोध्या विवाद मामले में मध्यस्थता प्रक्रिया में भाग नहीं ले रहे

अयोध्या मामला : राम लला मध्यस्थता प्रक्रिया से अलग
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नई दिल्ली। राम लला विराजमान के वकीलों ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि वह अयोध्या विवाद मामले में मध्यस्थता प्रक्रिया में भाग नहीं ले रहे हैं। कोर्ट मौजूदा समय में मामले पर रोजाना सुनवाई कर रही है, जिसके 18 अक्टूबर तक या उससे पहले पूरा हो जाना है। सुनवाई के 33वें दिन राम लला विराजमान की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील सी.एस.वैद्यनाथन ने अदालत के समक्ष बहस में कहा कि "हम मध्यस्थता प्रक्रिया में भाग नहीं ले रहे हैं..सभी तरह की रिपोर्ट आसपास चल रही है। हम बहुत स्पष्ट करना चाहते हैं कि हम भाग नहीं ले रहे हैं।"

शीर्ष अदालत छह अगस्त से मामले पर रोजाना सुनवाई शुरू कर रही है।

18 सितंबर को मामले पर जारी सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने पूर्व सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एफ.एम.आई कलीफुल्ला की अगुवाई में एक मध्यस्थता समिति को निर्दिष्ट किया था, लेकिन इसके मामले को सौहार्द्रपूर्ण रूप से हल करने में विफल रहने पर इसे वापस ले लिया गया।

प्रधान न्यायाधीश ने वकीलों से कहा कि अगर जरूरत हुई तो सुनवाई शनिवार को भी हो सकती है।

अदालत ने इससे पहले कहा था कि पक्षकार मामले को सुलझाने के लिए स्वतंत्र हैं और वे अदालत के समक्ष रिपोर्ट रख सकते हैं। यह भी स्पष्ट किया गया कि कार्यवाही विश्वसनीय बनी रहेगी।

पक्षों के साथ चर्चा के बाद शीर्ष अदालत ने मामले में बहसों के पूरा होने के लिए 18 अक्टूबर की समय सीमा तय की।


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