जी-20 की अध्यक्षता को लेकर जीबीयू व गलगोटिया में आयोजित हुआ जागरुकता कार्यक्रम
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में भारत की जी-20 अध्यक्षता के महत्व को सुगम बनाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम गौतमबुद्ध विवि व गलगोटिया विवि में आयोजित किया गया

ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में भारत की जी-20 अध्यक्षता के महत्व को सुगम बनाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम गौतमबुद्ध विवि व गलगोटिया विवि में आयोजित किया गया। गौतमबुद्ध विवि के लिए राबिन कुमार और प्रमोद कुमार मदेसिया नामित थे, जिन्होंने दौरा किया। अतिथियों ने छात्रों के साथ बातचीत की और जी-20 शिखर सम्मेलन और इसके वर्तमान अध्यक्ष के रूप में भारत के लक्ष्यों के बारे में बात की।
उन्होंने इस वर्ष के एजेंडे की थीम श्वसुधैव कुटुम्बकमश् या श्एक धारा- एक परिवार- एक भविष्यश् का अवलोकन भी किया। मेहमानों ने तकनीकी परिवर्तन और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में भी चर्चा की, जो भारत की राष्ट्रपति पद की प्राथमिकताओं में से एक है। विवि के वार्षिक ट्रेचफेस्ट जी-20 सहस्तम 2023 के बारे में भी जानकारी दी गई।
16 फरवरी से 19 फरवरी 2023 तक आयोजित होने वाले चार-डेटा टेकफेस्ट का उद्देश्य प्रौद्योगिकी के अग्रणी निर्माता और प्रतिभाशाली और कुशल तकनीक-उत्साही लोगों की भूमि के रूप में भारत की छवि को शाश्वत बनाना है।
जीबीयू के संकाय-समन्वयक डॉ. राकेश कुमार श्रीवास्तव, डॉ. दिनेश कुमार शर्मा, डॉ. अरविंद्र कुमार, डॉ. नवेद जफर रिजवी और डॉ. विमलेश कुमार रे के साथ-साथ डॉ. विमलेश कुमार रे, डॉ विनय लिटोरिया का आभार व्यक्त किया।
गलगोटिया विवि में जी-20 के राजदूत सुनीता यादव, सहायक रजिस्ट्रार बरेली विश्वविद्याल एवं प्रो. शिव वर्मा कम्प्यूटर साईंस विभाग, गलगोटिया शामिल हुए। सुनीता यादव ने अपने वक्तव्य में छात्रों को संबोधित करते हुए बताया कि कैसे हरित क्रांति और विभिन्न आंदोलनों और मील के पत्थर सहित विभिन्न क्रांतियों ने भारत को दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में मदद की।
प्रो. शिव वर्मा ने छात्रों को जी-20 और इसके महत्व के बारे में बेहतर ढंग से समझने के लिए अपने बहुत ही सरल, व्यावहारिक और विनोदी दृष्टिकोण से दर्शकों को बांधे रखा। जनसंचार विभाग के विभागध्यक्ष प्रो. ए.राम पांडे ने अतिथि वक्ताओं को स्मृति चिह्न प्रदान करने के उपरांत उपस्थित सभी छात्रों का धन्यवाद ज्ञापन किया। और कहा कि छात्रों को एक अच्छा जीवन जीने के लिए उचित तर्क का उपयोग करने और इसके लिए वसुधैव कुटुम्बकम के दर्शन को अपनाने की आवश्यकता के बारे में भी प्रेरित किया।


