विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर आयोजित किया गया जागरुकता कार्यक्रम
कैंसर की देखभाल जैसे निदान, सर्जरी, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी, पेलिएटिव केयर में किसी तरह का ‘गैप’ यानि खामियां हैं तो मरीज के लिए निराशा अकल्पनीय हो जाती है

ग्रेटर नोएडा। कैंसर की देखभाल जैसे निदान, सर्जरी, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी, पेलिएटिव केयर में किसी तरह का ‘गैप’ यानि खामियां हैं तो मरीज के लिए निराशा अकल्पनीय हो जाती है।
विश्व कैंसर दिवस के मौके पर डॉ. सुदर्शन डे, डायरेक्टर, डिपार्टमेन्ट ऑफ रेडिएशन ओंकोलोजी, जे.पी. हॉस्पिटल ने कहा कि शब्द ‘कैंसर’ अपने आप में इतना भयावह है कि इसे सुनते ही व्यक्ति की रूह कांप जाती है। कैंसर के मरीजों की मानसिक स्थिति का विवरण करना नामुमकिन है।
इस विश्व कैंसर दिवस के मौके पर हम लोगों को जागरुक बनाना चाहते हैं कि ज्यादातर प्रकार के कैंसर का उपचार किया जा सकता है और इसे नियन्त्रित किया जा सकता है, खासतौर पर अगर इसे शुरूआती अवस्था में ही पहचान कर जल्द से जल्द इलाज शुरू कर दिया जाए।
शुरूआती अवस्था में ही कैंसर का निदान होने से हम दुनिया भर में लाखों मरीजों को असमय मृत्यु से बचा सकते हैं। इस अवसर पर डॉ. मलय नंदी, डायरेक्टर, डिपार्टमेन्ट ऑफ मेडिकल ओंकोलोजी, जेपी हॉस्पिटल ने कहा कि कैंसर के निदान में देरी होने से इसके शरीर में फैलने की संभावना बढ़ जाती है, जो शरीर को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाता है।
कैंसर के खिलाफ जंग जीतने के लिए हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि रोग की रोकथाम, जल्दी निदान एवं उपचार तथा पैलिएटिव केयर से जुड़ी सेवाओं को युनिवर्सल हेल्थ कवरेज में शामिल किया जाए।
डॉ. आशीष गोयल, डायरेक्टर, डिपार्टमेन्ट ऑफ सर्जिकल ओंकोलोजी, जेपी हॉस्पिटल ने कहा कि जीवनशैली में बदलाव जैसे सेहतमंद आहार, शारीरिक व्यायाम, एल्कोहल एवं तंबाकू का सेवन न करना कैंसर से बचने के कारगर तरीके हैं।
इससे न सिर्फ कैंसर से बचाव होता है बल्कि जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर होती है।


