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स्वसहायता समूह से जुड़कर महिलाओं में जागृति आई : आनंदीबेन

मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि स्वसहायता समूह से जुड़कर महिलाओं की सोच, परिस्थिति और कार्यो में परिवर्तन और जागृति आई है

स्वसहायता समूह से जुड़कर महिलाओं में जागृति आई : आनंदीबेन
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भोपाल। मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि स्वसहायता समूह से जुड़कर महिलाओं की सोच, परिस्थिति और कार्यो में परिवर्तन और जागृति आई है। वह सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ना चाहती हैं। अब महिलाओं को आगे बढ़ने में पूरा सहायोग देना जरूरी है। महिलाओं के विकास और समृद्धि से ही देश का विकास संभव है। राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के 37वें स्थापना दिवस पर यहां गुरुवार को आयोजित वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि महिला शक्ति का भंडार है। इस शक्ति का देश के हित में उपयोग होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि महिलाएं पहले परिवार के बारे में सोचती हैं और सबके बाद अपना सोचती हैं। अब समय आ गया है कि महिलाएं परिवार का भला सोचने के साथ-साथ अपने विकास और समृद्धि का भी ध्यान रखें। महिलाएं अपने सम्मान और स्वाभिमान के लिए परिश्रम करें, प्रशिक्षण प्राप्त करें तथा केंद्र और राज्य सरकार द्वारा व्यवसाय के लिए उपलब्ध कराए जा रहे बैंक ऋण का भरपूर लाभ उठाएं।

राज्यपाल ने कहा कि मां-बाप की जागरूकता का ही परिणाम है कि आज बेटियां शिक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त कर उच्च पद पर रहकर देश की सेवा कर रही हैं।

सांसद आलोक संजर ने अपना फर्ज निभाते हुए कहा, "गांधी ने गांवों की तरक्की का जो सपना देखा था, वह आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में पूरा हो रहा है। आज समाज में महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हर क्षेत्र में कार्यरत हैं।"

उन्होंने कहा कि नारी सम्मान, ममता और लज्जा की मूर्ति होती है। नारी सम्मान के लिए सरकार को सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही करनी चाहिए। इस अवसर पर नाबार्ड के क्षेत्रीय मुख्य महाप्रबंधक एस़ क़े बंसल ने नाबार्ड की गतिविधियों पर प्रकाश डाला।


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