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प्राधिकरण की बिल्डरों को राहत

 फ्लैट पर कब्जा पाने के लिए दर-दर भटक रहे निवेशकों के हितों को देखते हुए ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने बिल्डरों को थोड़ी राहत प्रदान की है

प्राधिकरण की बिल्डरों को राहत
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ग्रेटर नोएडा। फ्लैट पर कब्जा पाने के लिए दर-दर भटक रहे निवेशकों के हितों को देखते हुए ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने बिल्डरों को थोड़ी राहत प्रदान की है, जिससें बिल्डर समय से निर्माण कार्य पूरा निवेशकों को फ्लैट पर कब्जा दे सके। बिल्डर योजनाओं में निर्माण कार्य समय से शुुरू करने पर प्राधिकरण की तरफ से कोई साफ नीति नहीं बन पाई थी, जिसकों लेकर बिल्डर फ्लैट पर कब्जा देने का बहाना बनाते थे। प्राधिकरण बोर्ड ने निर्माण नियम को अब स्पष्टï कर दिया है।

डिफाल्टर आबंटियों को भी प्राधिकरण राहत देते हुए एक मुश्त भुगतान करने पर छूट देने का निर्णय लिया है। इससे डिफाल्टर बिल्डरों को प्रोजेक्ट पूरा करने का एक और मौका मिल सकता है। औद्योगिक आबंटियों को प्राधिकरण ने भूखंड की लीजडीड कराने का एक और अंतिम मौका दिया है। किसानों के हित में प्राधिकरण ने आबादी शिफिटंग के प्रकारणों को एक नीति बनाने के लिए यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन कर दिया है।

साथ ही तीन हजार वर्गमीटर के आबादी के भूखंड का बैकलीज करने को प्राधिकरण ने हरी झंडी दी है। ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण की शुक्रवार 110 बोर्ड बैठक अध्यक्ष व औद्योगिक विकास आयुक्त अनूप चंद पाण्डेय की अध्यक्षता में हुई। बोर्ड बैठक की जानकारी देते हुए अध्यक्ष अनूप चंद पाण्डेय व मुख्य कार्यपालक अधिकारी देवाषीष पांडा ने बताया कि बिल्डर योजनाओं में निर्माण कार्य पर लगने वाले दंडात्मक ब्याज को लेकर कोई नीति स्पष्टï नहीं थी।

तीन साल के अंदर निर्माण न करने पर चार से आठ फीसदी दण्डात्मक ब्याज लगता था। इस पर कोई नियम नहीं बना था। जिसको लेकर बिल्डर निर्माण कार्य समय से पूरा न करने पर बहाना बनाते थे। बोर्ड ने निर्माण को लेकर नियम की मंजूरी दे दी है। भूखंड आबंटन पर तीन साल पर निर्धारित निर्माण कार्य पूरा न करने पर अब पहले एक एक फीसदी दण्डात्मक ब्याज लगेगा। इसी तरह तीन साल के बाद दूूसरे, तीसरे चौथे साल पर एक-एक फीसदी दण्डात्मक ब्याज बढ़ता जाएगा।

सात तक निर्माण कार्य पूरा न करने पर आबंटन निरस्त कर दिया जाएगा। इससे अब बिल्डरों को थोड़ी राहत इसलिए मिल जाएगी कि दण्डात्मक ब्याज दर निर्धारित हो गया है जिनका ज्यादा ब्याज लगा उन्हें राहत मिल जाएगी। यानि चार हजार वर्गमीटर तक भूखंड पर तीन साल के अंदर 50 फीसदी निर्माण करना होगा। दस हजार वर्गमीटर तक 35 फीसदी निर्माण करना होगा। यानि 40 हजार वर्गमीटर से बढ़े भूखंड पर तीन साल के अंदर 15 फीसदी निर्माण कार्य करना होगा।

उसके बाद हर एक साल एक फीसदी दण्डात्मक ब्याज लगेगा। सीईओ ने औद्योगिक आबंटियों को भूखंड की लीजडीड कराने के लिए 31 अक्टूबर तक समय दिया गया था। अब औद्योगिक आबटियों का अंतिम बार एक और मौका देते हुए भूखंड की लीजडीड कराने का समय 31 जनवरी 2018 कर दिया गया है।

इसके बाद आबंटियों को कोई राहत नहीं दी जाएगी। इकोटेक-11 के आबंटियों को कंप्लीषन साटीफिकेट व इकाई को क्रियाशील करने के लिए 31 जनवरी 2018 तक समय दिया गया है। अगर दो साल के अंदर आबंटी औद्योगिक इकाई को क्रियाशील कर देते है तो उनका दण्डात्मक ब्याज माफ कर दिया जाएगा।

प्राधिकरण ने पहले आबंटियों का बकाया किश्त का एक मुश्त भुगतान करने पर छूट प्रदान किया था। प्राधिकरण ने उसी तर्ज पर डिफाल्टर आबंटियों को राहत दी है। अगर डिफाल्टर आबंटी डिफाल्टर व बकाया राशि का एक मुश्त भुगतान करते है तो पांच फीसदी की छूट प्रदान की जाएगी। अगर व पचास फीसदी राशि एक साथ जमा करते है तो दो फीसदी छूट दी जाएगी।

आरडब्ल्यूए को मिलेगी मान्यता

ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने आरडब्ल्यूए की मान्यता देने को लेकर बोर्ड ने हरी झंडी दे दी है। सीईओ ने बताया कि मान्यता देने को लेकर एक नियम तैयार किया गया है जिसे प्राधिकरण की बेवसाइट पर अपलोड कर दिया गया। इस पर सेक्टर के लोगों का सुझाव मांगा गया है। सुझाव के बाद नियम को अंतिम मंजूरी दी जाएगी।

इसका प्रस्ताव अगली बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। इसके बार आरडब्ल्यूए को बकायदा अधिकार दिया जाएगा। सीईओ ने बताया कि सालिड वेस्ट मैनेजमेंट में भी आरडब्ल्यूए की भूमिका तय की जाएगी। सालिड वेस्ट मैनेजमेंट को आरएफटी तैयार करने के लिए जल्द ही एजेंसी का चयन किया जाएगा।

किसानों की आबादी भूखंड शिफिटंग को लेकर कमेटी गठित

आबादी के भूखंड की शिफिटंग को लेकर फैसला का इंतजार कर रहे किसानों को अब और इंतजार करना होगा। बादलपुर में आबादी शिफिटंग पर कोर्ट के आदेश पर शासन स्तर पर नीति बनाने के सुझाव पर प्राधिकरण बोर्ड ने एक कमेटी यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी की अध्यक्षता में गठित कर दी है।

जिसमें नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ व एडीएम एलए सदस्य होंगे। कमेटी दो सप्ताह के अंदर नीति बनाने को लेकर रिपोर्ट तैयार करेगी इसके बाद शासन को भेजेगी। कमेटी की रिपोर्ट पर ष्षासन आबादी भूखंड के शिफिटंग को लेकर नीति तैयार करेगी। साथ ही बोर्ड ने तीन हजार वर्गमीटर के आबादी के भूखंड की बैकलीज की हरी झंडी दे ही है। तीन हजार वर्गमीटर से बढ़े भूखंड की जांच के बाद ही बैकलीज होगी।


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