सात बिल्डरों के खिलाफ प्राधिकरण ने शासन को भेजी रिपोर्ट
प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य पूरा न कर निवेशकों को फ्लैट पर कब्जा न देने वाले ऐसे 25 बिल्डरों के प्रोजेक्ट का ऑडिट चल रहा है

ग्रेटर नोएडा। प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य पूरा न कर निवेशकों को फ्लैट पर कब्जा न देने वाले ऐसे 25 बिल्डरों के प्रोजेक्ट का ऑडिट चल रहा है। ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी देवाषीशा पांडा ने बृहस्पतिवार को 25 प्रोजेक्ट के ऑडिट को लेकर बिल्डर व एजेंसी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई।
समीक्षा के दौरान करीब आठ बिल्डरों ने ऑडिट में प्रोजेक्ट की जानकारी दी। जबकि सात बिल्डर अभी तक ऑडिट करने वाली एजेंसी को प्रोजेक्ट की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं करा पाए। ऑडिट के दौरान एजेंसी का भी कोई सहयोग नहीं कर पा रहे हैं। इस पर प्राधिकरण के सीईओ सात बिल्डरों पर कड़ी नाराजगी जाहिर की।
सीईओ ने साफ तौर से कहा कि सात बिल्डरों ने अगर एक सप्ताह के अंदर ऑडिट के दौरान प्रोजेक्ट की जानकारी एजेंसी को उपलब्ध नहीं कराया तो उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजा जाएगा। बता दें कि इन 25 बिल्डरों के प्रोजेक्ट में करीब बीस हजार फ्लैट फंसा हुआ है। जिन 18 बिल्डरों ने ऑडिट में प्रोजेक्ट की जानकारी उपलब्ध कराई है उन्हें 15 हजार फ्लैट पर कब्जा देना है। जबकि सात बिल्डरों को पांच हजार फ्लैट पर कब्जा देना है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में करीब 95 बिल्डरों के प्रोजेक्ट संकट में फंसे हुए है। बिल्डरों के प्रोजेक्ट का ऑडिट कराने के लिए प्राधिकरण एक एजेंसी को जिम्मा सौंपा है। एजेंसी को फेस-एक में 25 ऐसे बिल्डरों के प्रोजेक्ट का ऑडिट करा रहा है जो सबसे ज्यादा संकट है। तीन फेस में बिल्डरों के प्रोजेक्ट का ऑडिट कराया जा रहा है। सीईओ ने बताया कि जो बिल्डर अपने प्रोजेक्ट की जानकारी उपलब्ध नहीं करा रहे है उनकी सूची तैयार की जा रही है और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए शासन को पत्र भेजा जाएगा।


