Top
Begin typing your search above and press return to search.

पार्किंग खेल से बाहर नहीं निकल पा रहा प्राधिकरण

पार्किंग ठेकेदारों की जड़ें नोएडा प्राधिकरण में कितनी गहरी है

पार्किंग खेल से बाहर नहीं निकल पा रहा प्राधिकरण
X

नोएडा। पार्किंग ठेकेदारों की जड़ें नोएडा प्राधिकरण में कितनी गहरी है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जनवरी से लागू की जाने वाली पार्किंग पॉलिसी की छोटी से छोटी जानकारी भी ठेकेदारों के पास आसानी से पहुंच रही है। इसका ताजा उदाहरण मंगलवार को प्राधिकरण में देखने को मिला।

पार्किंग ठेका के लिए आवेदन करने वाली एक कंपनी ने निविदा प्रक्रिया पर सवालिया निशान लगा दिया। आरोप था कि प्राधिकरण अधिकारियों ने तकनीकी बिड खुलने से पहले निविदा दर में परिवर्तन कैसे कर दिया। इसी के चलते कागजी दस्तावेज गलत हुए और कंपनियों के आवेदन निरस्त कर दिया गए। हालाकि कंपनी ने कुछ भी लिखित में देने से मना कर दिया है। उधर, प्राधिकरण अधिकारी उस कंपनी को पूरी तरह से गलत ठहरा दिया है।

कहा कि टेंडर प्रक्रिया में शामिल होने के लिए उसने गलत आवेदन किया था। 22 नवम्बर को टेंडर भरने की अंतिम तिथि थी, लेकिन उसका आवेदन 29 नवम्बर को ऑनलाइन प्राप्त हुआ है। सूत्रों का कहना है कि इस आरोप प्रत्यारोप ने एक सवाल फिर से खड़ा कर दिया है कि 22 नवम्बर को जब टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी तो 29 नवम्बर को कैसे टेंडर फार्म अपलोड होकर आवेदन किया गया। इसकी जांच हो, तो पूरी स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

यह है पूरा मामला

नोएडा प्राधिकरण में पार्किंग पॉलिसी के तहत शहर को चार जोन में बांटा गया। पहला जोन 57000 वर्गमीटर वर्क सर्किल 1, 2, 3 दूसरा जोन 204600 वर्गमीटर वर्क सर्किल-4 तीसरा जोन 50200 वर्गमीटर वर्क सर्किल 5, 8, 9, चौथा जोन 117000 वर्गमीटर वर्क सर्किल है। इसमें चारो जोन के लिए प्राधिकरण ने 13 नवम्बर को निविदा फार्म अपलोड कर दिए गए। 29 नवम्बर तक कंपनियां जोन में पार्किंग संचालन के लिए आवेदन कर सकती थी।

30 नवम्बर को इसकी तकनीकी बिड खोली जानी थी। हुआ ये कि सिर्फ दो जोन 57000 व 50200 वर्गमीटर के लिए सात-सात कंपनियों ने आवेदन किया। जिसमे चार कंपनियों को चुना गया। इस बीच 24 नवम्बर को प्राधिकरण ने निविदा दर में परिवर्तन कर दी। कंपनी का आरोप था कि जब दर में बदलाव किया गया इसकी जानकारी हमे नहीं दी गई।

यही कारण है कि प्राधिकरण ने उनका आवेदन निरस्त कर दिया। जबकि प्राधिकरण ने बताया कि कंपनी ने पहले अपने पक्ष में कहा कि उसने 22 नवम्बर को आवेदन अपलोड किया लेकिन जब जांच की गई तो मिला कि कंपनी ने 29 नवम्बर को ही आवेदन किया। ऐसे में उसे इस बात की जानकारी थी। यह दर भी राउंड फिगर के हिसाब से बदली जा सकती है। इसको लेकर मंगलवार को कंपनी से लिखित में स्पष्टीकरण मांगा गया लेकिन कंपनी ने देने से मना कर दिया।

प्राधिकरण में हावी पार्किंग ठेकेदार

सूत्रों का कहना है कि ऐसा सिर्फ इस लिए किया गया क्योकि जिस कंपनी का आवेदन निरस्त किया गया। शहर में कई स्थानों पर पार्किंग का ठेका उसी कंपनी को प्राधिकरण द्वारा दिया गया है। हालांकि इस पूरे मामले को सीईओ के समक्ष रखा जाएगा। यदि इसमें अनिमितता पाई जाती है तो निविदा प्रक्रिया को निरस्त कर दिया जाएगा। इसके बाद दोबारा से निविदा प्रक्रिया की जाएगी।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it