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प्राधिकरण ने लीज पर दी है जेपी को जमीन

  जेपी इंफ्राटेक में फंसे निवेशकों की परेशानी और ज्यादा बढ़ सकती है

प्राधिकरण ने लीज पर दी है जेपी को जमीन
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नोएडा। जेपी इंफ्राटेक में फंसे निवेशकों की परेशानी और ज्यादा बढ़ सकती है। मसलन यदि जेपी इंफ्राटेक 270 दिनों में अपनी वित्तीय स्थिति स्पष्ट नहीं करता तो बैंक जेपी की परिसंपत्तियों को नीलाम कर अपना कर्ज वसूल करेगी। ऐसी स्थिति में वह सिर्फ जेपी इंफ्राटेक के परिसंपत्तियों की ही नीलामी कर सकता है जमीन की नहीं।

दरअसल, जमीन नोएडा, ग्रेटरनोएडा व यमुना विकास प्राधिकरण द्वारा लीज पर जेपी इंफ्राटेक को दी गई है। नीलामी के बाद यह जमीन वापस प्राधिकरणों के पास आ जाएगी। यही स्थिति यमुना एक्सप्रेस-वे की भी है। इसे 37 साल के लिए यमुना विकास प्राधिकरण को दिया गया है। यानी 37 साल तक इस संपत्ति पर सिर्फ यमुना विकास प्राधिकरण का ही हक रहेगा।

रही बात निवेशकों की, नीलामी के बाद जो भी बिल्डर इस संपत्ति को खरीदेगा उसे सिर्फ निवेशकों से 5 से 10 प्रतिशत पैसा ही मिल सकता है। बाकी पैसा पहले ही निवेशक जेपी के खातों में जमा करा चुके है। ऐसे स्थिति में निवेशकों को मकान पर कब कब्जा मिलेगा इसकी जानकारी किसी के पास भी नहीं है। वहीं, जेपी पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि 2019 से पहले वह किसी भी शर्त पर निवेशकों का पैसा वापस नहीं कर सकता।

लिहाजा निवेशकों की समस्या बढ़ना लगभग तय मानी जा रही है। अकेले नोएडा की बात करे तो शहर में पांच सेक्टरों में जेपी की परियोजना चल रही है। जिनमें 7 हजार से ज्यादा फ्लैटों का निर्माण किया जा रहा है। रेरा में पंजीकरण में जेपी ने इन परियोजनाओं को ऑन गोइंग यानी काम जारी दर्शया है। यह जमीन नोएडा प्राधिकरण द्वारा यमुन विकास प्राधिकरण को लीज पर दी गई थी। जिसे यमुना प्राधिकरण ने जेपी को लीज पर दी है। यहा करीब दो हजार निवेशकों को मकानों पर कब्जा मिलने जा रहा है। ऐसे में सिर्फ परिसंपत्तियों की निलाम हो सकती है लेकिन जमीन की नहीं।

जेपी के सेल्स दफ्तर के बाहर निवेशकों का प्रदर्शन

दिवालिया घोषित होने की जानकारी मिलते ही जेपी के सेल्स दफ्तर के बाहर सैकड़ों की संख्या में निवेशक जुटने लगे। सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक निवेशकों ने जेपी के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान कई निवेशकों ने जेपी से जवाब मांगने की कोशिश की लेकिन वहां कोई अधिकारी तक नहीं मिला।

ऐसे में निवेशक दफ्तर के बाहर गले में दफ्ती लटका, खड़े रहे। निवेशकों ने ट्वीट व फेसबुक के जरिए प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को मामले में संज्ञान लेने व मदद करने के लिए कहा। वहीं, निवेशकों ने भूख हड़ताल करने की भी सोची है। निवेशक शनिवार को सेक्टर-14ए से सेक्टर-6 तक पैदल मार्च कर जेपी के खिलाफ प्रदर्शन भी करेंगे।


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