प्राधिकरण ने मुक्त कराई 200 करोड़ की जमीन
मंगलवार सुबह नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने भारी पुलिस बल के साथ बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण ध्वस्त किया
नोएडा। मंगलवार सुबह नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने भारी पुलिस बल के साथ बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण ध्वस्त किया। इस दौरान मौके पर करीब 250 पुलिसकर्मी मौजूद रहे। प्राधिकरण ने यहा गेझा गांव में 45 मीटर चौड़ी सड़क किनारे करीब 20,000 वर्गमीटर जमीन पर बने अवैध निर्माण को ध्वस्त किया। इस जमीन की कीमत करीब 200 करोड़ रुपए आंकी जा रही है।
यहां मौजूद प्राधिकरण के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि बीते 25 अगस्त को हीं इन लोगों को नोटिस जारी कर जगह खाली करने को कहा गया था। बतौर नोटिस को खंभो व दीवारों पर चस्पा किया गया था। बावजूद इसके नोटिस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। जिसके बाद प्राधिकरण द्बारा अवैध निर्माण की कार्यवाही को अंजाम दिया गया है। अधिकारी के मुताबिक इन लोगों द्बारा जमीनों पर अवैध कब्जा किया गया था। बतौर प्राधिकरण अधिकारियों न बताया कि जमीन का मुआवजा किसानों द्वारा उठाया जा चुका था। बावजूद इसके वहा बड़े पैनामे पर अवैध निर्माण किया गया था। प्राधिकरण की इस कार्यवाही से पहले इस जमीन पर भारतीय किसान यूनियन के नेता यहां धरने पर बैठे हुए थे और इस जमीन पर तोड़फोड़ का विरोध कर रहे थे। जिन्हें पुलिस बल द्बारा गिरफ्तार कर सेक्टर-6 ले जाया गया। जिसके बाद कार्यवाही शुरू की गई। बताते चले कि जमीन पर दो से तीन मंजिला के मकान व दुकाने व शो रूम तक बने थे। जिनको तोड़ने में प्राधिकरण अधिकारियों व कर्मचारियो के पसीने तक छूट गए।
कमरे खाली करने के लिए मिला एक घंटे का समय
जमीन पर एक सराय भी बनी हुई थी। जिसमे करीब 150 कमरे बने हुए थे। इन कमरों में 200 से ज्यादा लोग रह रहे थे। कार्यवाही से पहले इन लोगों को नोटिस दिया जा चुका था। लेकिन इन सभी ने नोटिस पर गौर नहीं किया। ऐसे में माइक के जरिए इन लोगों को कमरे खाली करने का एक घंटे का समय दिया गया। आलम यह रहा कि आनन-फानन में लोगों ने सड़क के बीच में ही अपना सारा सामान रख दिया। दोपहर करीब दो बजे कमरे तोड़ने की कार्यवाही की गई। हालांकि बेघर हुए परिवार वालों की सुध लेने वाला यहा कोई नहीं था। लिहाजा अधिकांश ने अपने जान पहचान वालों के यहा शरण ली। जिनको नहीं मिली वह सड़क पर सामान रख वहीं बैठ गए। लेकिन प्राधिकरण का जेसीबी नहीं रूका।
आठ जेसीबी ने तोड़ा अवैध निर्माण
कार्यवाही सुबह आठ बजे होनी थी। लेकिन भाकियू के विरोध क चलते ग्यारह बजे के आसपास कार्य शुरू हो सकी। जमीन पर दो से तीन मंजिला के शापिंग कांप्लेक्स के अलावा किराए के लिए कमरे व अन्य दुकाने बनी हुई थी। अवैध निर्माण को हटाने के लिए प्राधिकरण के आठ जेसीबी लगे।


